रायपुर |NRDA को झटका : बिलासपुर हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नए रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) को एक ऐतिहासिक झटका देते हुए भू-अर्जन की पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। यह राज्य का पहला मामला है जिसमें कोर्ट ने देरी से किए गए भूमि अधिग्रहण को अवैध घोषित करते हुए मुआवजे की राशि भी वापस लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता उषा देवी सिंघानिया की ओर से अधिवक्ता सुशोभित सिंह ने तर्क रखा कि अवार्ड पारित करने में केंद्र सरकार के 2013 भूमि अधिग्रहण अधिनियम की तय समय सीमा (12 महीने) का उल्लंघन किया गया है।
NRDA को झटका : हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि नए कानून के तहत 12 माह की समयसीमा बाध्यकारी है, और उसका उल्लंघन क्षेत्राधिकार से परे है। कोर्ट ने NRDA की पूरी कार्यवाही को शून्य और कालातीत करार देते हुए राज्य शासन को निर्देश दिया है कि यथोचित समझे तो नई प्रक्रिया प्रारंभ करे। यह फैसला न केवल प्रशासनिक जवाबदेही का मजबूत संदेश है बल्कि केंद्र के नए अधिनियम की संवैधानिक गंभीरता को भी रेखांकित करता है।