Premanand Maharaj : नई दिल्ली : श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज, जिन्हें प्रेमानंद महाराज के नाम से जाना जाता है, वृंदावन में राधा रानी के परम भक्त हैं। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं है, जिसके चलते उनकी रोजाना की पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर उन्हें कौन-सी बीमारी है, जिसके कारण उन्हें बार-बार स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है।
Premanand Maharaj : प्रेमानंद महाराज कई बार अपने प्रवचनों में बता चुके हैं कि उनकी दोनों किडनियां खराब हैं और उन्हें रोजाना डायलिसिस कराना पड़ता है। वर्ष 2006 में उन्हें पेट दर्द की शिकायत हुई थी, तभी यह बीमारी सामने आई थी। उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (पीकेडी) है, जो किडनी की एक गंभीर और आनुवंशिक बीमारी है।
Premanand Maharaj : पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक जेनेटिक विकार है जो जीन में बदलाव (म्यूटेशन) के कारण होता है। इसमें किडनी के अंदर कई सिस्ट बन जाते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए किडनी के सामान्य कार्य को प्रभावित करते हैं। इस बीमारी से हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फेलियर जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। गंभीर स्थिति में किडनी का आकार इतना बढ़ जाता है कि उसका वजन 13 किलो तक हो सकता है।
Premanand Maharaj : पीकेडी दो प्रकार की होती है –
Premanand Maharaj : पहला, ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (ADPKD), जो सबसे आम प्रकार है और आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की आयु में दिखाई देती है। यह माता या पिता में से किसी एक से बच्चे में आ सकती है।
दूसरा, ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (ARPKD), जो बहुत दुर्लभ होती है और आमतौर पर जन्म से पहले या जन्म के तुरंत बाद बच्चे में पाई जाती है।
इस बीमारी के लक्षणों में पीठ या बाजू में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, पेशाब में खून आना, बार-बार मूत्र संक्रमण और किडनी स्टोन शामिल हैं। बच्चों में पेट सूजना, जन्म के समय हाई ब्लड प्रेशर, सांस लेने में कठिनाई और कम वजन जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
पीकेडी का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन इसका प्रबंधन किया जा सकता है। डॉक्टर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, स्वस्थ आहार लेने, नियमित व्यायाम करने और तनाव से दूर रहने की सलाह देते हैं। यदि किडनी फेल हो जाए तो मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ती है।
Premanand Maharaj : एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमारी रोकी नहीं जा सकती, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है। नियमित एक्सरसाइज, संतुलित वजन, धूम्रपान और शराब से दूरी, साथ ही समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है। इन आदतों से पीकेडी के मरीज भी लंबे और बेहतर जीवन की उम्मीद रख सकते हैं।








