नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल इस याचिका में केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
याचिका में विशेष रूप से दूरदराज, संवेदनशील और पहाड़ी इलाकों में जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। इसमें अमरनाथ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष बलों की तैनाती और स्थायी सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
याचिका की प्रमुख मांगें:
पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा ऑडिट की व्यवस्था हो।
संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से पहले सेफ्टी क्लियरेंस और ट्रैकिंग मैकेनिज्म लागू किया जाए।राज्य सरकारों को निर्देशित किया जाए कि वे पर्यटक स्थलों पर स्थायी सुरक्षा व्यवस्था, CCTV निगरानी और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम सुनिश्चित करें।अमरनाथ यात्रा समेत उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में विशेष केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए।
हमले के बाद देशभर में चिंता
पिछले सप्ताह पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हमले में कई पर्यटकों की जान गई थी। इस घटना ने देशभर में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु हर साल जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट से उम्मीदें
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह सरकार को आदेश दे कि संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए स्थायी और समन्वित नीति बनाई जाए। इसके अलावा कोर्ट से यह भी आग्रह किया गया है कि पर्यटकों की सुरक्षा को संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत एक मौलिक अधिकार के रूप में देखा जाए।