BTOA : फकरे आलम खान/ बचेली। बैलाडीला क्षेत्र में कार्यरत बीटीओ (BTOA) यूनियन के खिलाफ मूल निवासी आदिवासी युवकों ने बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है। शनिवार, 12 जुलाई 2025 से बचेली व किरंदुल स्थित BTOA कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले शुक्रवार को मूल निवासी आदिवासी युवाओं ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए एसडीएम बचेली को अपनी शिकायतें सौंपीं। ज्ञापन में कहा गया है कि यहां के स्थानीय आदिवासी युवाओं द्वारा स्वयं के खर्च पर ट्रक वाहन खरीदे गए हैं, लेकिन उन्हें BTOA की सदस्यता नहीं दी जा रही है, जिसके चलते लोडिंग का कार्य नहीं मिल रहा है।
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“बाहरी जिलों को फायदा, स्थानीयों को नुकसान”
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि मूल निवासी आदिवासी युवाओं को यूनियन टालमटोल कर जवाब दे रही है, जबकि अन्य जिलों से आए बाहरी वाहन मालिकों को सदस्यता दी जा रही है। इसके चलते स्थानीय युवाओं को अपने ट्रकों की ईएमआई घर से चुकानी पड़ रही है। कई महीनों से वाहन खड़े हैं, काम नहीं मिल रहा, और अब फाइनेंस कंपनियों द्वारा वाहनों को सीज किए जाने का खतरा मंडरा रहा है।
BTOA पर भेदभाव का आरोप
आक्रोशित आदिवासी युवाओं ने कहा कि यूनियन द्वारा उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है और जब वे सदस्यता के लिए जाते हैं, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह स्थिति आदिवासी हितों और अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
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धरना प्रदर्शन की चेतावनी
ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि उन्हें शीघ्र ही सदस्यता नहीं दी गई, तो वे 12 जुलाई से BTOA कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और यूनियन की गाड़ियों का संचालन भी रोकेंगे।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
आदिवासी युवाओं ने प्रशासन से मांग की है कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें और उन्हें सदस्यता दिलाई जाए, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें। वहीं, धरना-प्रदर्शन की सूचना प्रशासन को पहले ही दे दी गई है, ताकि कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो। अब देखना होगा कि BTOA और प्रशासन इस मसले का क्या समाधान निकालते हैं, या फिर बैलाडीला क्षेत्र एक बड़े आदिवासी आंदोलन का गवाह बनेगा।