भोपाल। MP Bhopal News : मध्यप्रदेश सरकार ने एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके अतिरिक्त, जो फीस सरकारी फीस से अधिक होगी, वह छात्रों को ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण (Interest Free Loan) के रूप में प्रदान की जाएगी।
MP Bhopal News : सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ केवल उन छात्रों को मिलेगा जिनकी NEET परीक्षा में रैंक 1.5 लाख (1,50,000) के भीतर होगी। योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद देकर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है, चाहे वे सरकारी कॉलेज में पढ़ें या निजी संस्थान में।
ग्रामीण क्षेत्रों में 5 साल सेवा अनिवार्य
सरकार ने इस योजना के तहत एक शर्त भी रखी है। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को कम से कम 5 साल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य होगा। यदि छात्र इस अवधि में सेवा नहीं करते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा दिए गए पूरे ब्याज मुक्त ऋण को चुकाना होगा।
सरकार का फोकस — ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में सुधार
राज्य सरकार का मानना है कि इस नीति से न सिर्फ मेडिकल छात्रों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी को भी दूर किया जा सकेगा। योजना का उद्देश्य गांव-गांव में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा, “मेधावी छात्रों को निजी कॉलेज में पढ़ाई करने पर भी अब सरकारी कॉलेज के बराबर सहायता मिलेगी। बदले में वे गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में हमारी मदद करेंगे। यह योजना प्रतिभा और सामाजिक दायित्व का संतुलन है।”