Monsoon Session Of Parliament : नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र कल, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सत्र सिर्फ बारिश की बूंदों से नहीं, बल्कि राजनीतिक तूफानों से भी भीगा रहेगा। विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने मोदी सरकार को घेरने के लिए 8 बड़े मुद्दों का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। 19 जुलाई को हुई वर्चुअल मीटिंग में 24 विपक्षी दलों के नेताओं ने इन मुद्दों पर विस्तृत रणनीति पर सहमति जताई।
कौन-कौन से मुद्दे उठेंगे संसद में?
1. पहलगाम आतंकी हमला और खुफिया चूक
उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी नेताओं ने हाल ही के पहलगाम हमले को लेकर खुफिया तंत्र की विफलता पर सवाल उठाए हैं। संसद में इस पर तीखी बहस तय मानी जा रही है।
2. ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप का दावा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान — जिसमें उन्होंने भारत-पाक युद्ध के दौरान 5 फाइटर जेट गिराए जाने की बात कही — को लेकर विपक्ष सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले बयानों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
3. सीजफायर में ट्रंप की ‘मध्यस्थता’
ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि भारत-पाक के बीच युद्ध विराम में उनकी भूमिका रही। विपक्ष इस दावे के आधार पर सरकार से जवाब मांगेगा कि क्या विदेश नीति में अमेरिका को इतनी छूट दी गई है?
4. बिहार वोटर लिस्ट विवाद और NRC कनेक्शन
बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष का आरोप है कि सरकार इसे NRC के बहाने इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस और RJD इस पर सरकार और चुनाव आयोग दोनों को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं।
5. जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है। यह मुद्दा विपक्ष की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।
6. विमान हादसे की जांच रिपोर्ट पर सवाल
अहमदाबाद विमान हादसे की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर जवाबदेही तय करने की मांग होगी। विपक्ष इसे यात्री सुरक्षा और जवाबदेही के मुद्दे से जोड़कर पेश करेगा।
7. बिहार की कानून-व्यवस्था पर हमला
हाल ही में बिहार में बढ़ते अपराधों और हत्याओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहेगा। हालांकि, यह विषय राज्य सरकार के दायरे में आता है, फिर भी विपक्ष इस पर संसद में जोरदार हंगामा कर सकता है।
8. संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक दुरुपयोग
विपक्ष चुनाव आयोग और अन्य संस्थाओं पर ‘सरकारीकरण’ का आरोप लगाकर केंद्र सरकार की नीयत और पारदर्शिता पर सवाल उठाएगा।
बैठक में कौन-कौन नेता शामिल हुए?
बैठक में कांग्रेस से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे मौजूद थे। अन्य प्रमुख नेता थे:
- हेमंत सोरेन (JMM)
- तेजस्वी यादव (RJD)
- रामगोपाल यादव (SP)
- शरद पवार (NCP-SP)
- उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT)
- अभिषेक बनर्जी (TMC)
- उमर अब्दुल्ला (NC)
- एम. ए. बेबी (CPM)
- डी. राजा (CPI)
और अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता भी इस रणनीतिक चर्चा का हिस्सा बने।
राजनीति का ‘गरम मसाला’ तैयार
राहुल गांधी जहां लोकसभा में मोर्चा संभालेंगे, वहीं राज्यसभा में खरगे सरकार पर हमले के लिए तैयार हैं। समाजवादी पार्टी और वाम दल भी तीखी बहस की तैयारी में हैं। इस मानसून सत्र में एक्शन, ड्रामा और राजनीतिक ट्रेजडी तीनों भरपूर मात्रा में देखने को मिलेंगे।