धार। मध्यप्रदेश के धार जिले से भ्रष्टाचार का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मनावर तहसील के ग्राम सिंघाना में बिजली विभाग की टीम ने एक उपभोक्ता पर फर्जी चालान बनाकर 30,000 रुपये की रिश्वत मांगी। लेकिन लोकायुक्त इंदौर की टीम ने इस घूसखोरी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
दरअसल, ग्राम देवगढ़ निवासी अनिल पाटीदार ने 18 मई को बिजली फॉल्ट की शिकायत की थी, जिसका समाधान नहीं हुआ। मजबूरी में उसने खुद केबल जोड़कर बिजली चालू की। अगले दिन JE अनिल वास्केल अपनी टीम के साथ पहुंचा और 60,000 रुपये का बिजली चोरी का फर्जी चालान थमा दिया। जब पीड़ित ने निवेदन किया, तो उससे 40,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई।
इस मामले की शिकायत लोकायुक्त इंदौर को दी गई। शिकायत की पुष्टि के बाद सोमवार को ट्रैप कार्रवाई करते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर गणेश इस्के को 30,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी:
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अनिल वास्केल – कनिष्ठ यंत्री (JE)
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गणेश इस्के – आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर
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वासुदेव पाटीदार – मीटर रीडर
इन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और BNS 61(2) के तहत केस दर्ज किया गया है। लोकायुक्त की यह कार्रवाई प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, जहां आमजन को न्याय की बजाय रिश्वत का डर दिखाया जा रहा था।