Lifestyle: नशीली दवाओं की लत केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या बन चुकी है। खासकर युवा वर्ग इस खतरे की चपेट में सबसे ज्यादा आता है। क्यों युवाओं में बढ़ रहा है ड्रग्स का चलन? टीनेज और युवावस्था में नई चीजों को आजमाने की जिज्ञासा, भावनात्मक अस्थिरता, तनाव, सोशल प्रेशर और गलत संगत युवाओं को ड्रग्स की लत की ओर ले जाती है। एक बार लत लग जाने के बाद इससे बाहर निकलना आसान नहीं होता, और कई मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।ड्रग्स की लत की पहचान अगर समय रहते हो जाए, तो इससे बचाव संभव है।
माता-पिता: शिक्षकों और परिजनों के लिए जरूरी है, ये संकेत भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक स्तर पर देखे जा सकते हैं। भावनात्मक और सामाजिक संकेत मूड स्विंग्स: अचानक चिड़चिड़ापन, गुस्सा या अत्यधिक उदासी। झूठ और चोरी: पैसों के लिए झूठ बोलना या चोरी करना। ड्रग्स के प्रभावों से इनकार: नशे की लत को जस्टिफाई करना, नुकसान को नकारना। पुराने दोस्तों से दूरी: उन लोगों से बचना जो व्यवहार पर सवाल उठा सकते हैं। सीक्रेसी बढ़ना: फोन, मैसेज और लोकेशन को लेकर अत्यधिक गोपनीयता। संदिग्ध दोस्त: नए दोस्तों के बारे में न बताना या मिलने से बचना। उत्साह की कमी: पढ़ाई, खेल और सामाजिक गतिविधियों में रुचि न रहना। शारीरिक संकेत थकावट और सुस्ती: हमेशा थके-थके रहना या अत्यधिक नींद आना।
आंखें लाल: और हाथ कांपना: आंखों में लाली, पुतलियों का फैलाव या शरीर में कंपन। स्वच्छता में गिरावट: व्यक्तिगत साफ-सफाई की अनदेखी। बोलने में अस्पष्टता: बात करते समय शब्दों का सही उच्चारण न कर पाना। भूख और वजन में बदलाव: अत्यधिक या बहुत कम भोजन, वजन में तेजी से गिरावट। फिजिकल बैलेंस की कमी: लड़खड़ाकर चलना या असंतुलित होना। नींद में बदलाव: रात को जागना और दिन में सोना, या नींद की मात्रा में असामान्यता। बार-बार बीमार पड़ना: कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण बार-बार सर्दी-खांसी जैसी बीमारियां। कैसे करें रोकथाम? बच्चों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें।
उनकी दिनचर्या: और व्यवहार में बदलाव को नज़रअंदाज न करें। स्कूल, कॉलेज और समाज स्तर पर नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा बनें। जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग या डॉक्टर की सलाह जरूर लें। निष्कर्ष ड्रग्स की लत से सिर्फ व्यक्ति ही नहीं, उसका पूरा परिवार और समाज प्रभावित होता है। समय रहते चेतना और सही मार्गदर्शन से युवाओं को नशे की दुनिया में जाने से रोका जा सकता है।