Jabalpur News : जबलपुर : शहर के गढ़ा थाना क्षेत्र के प्रेम नगर इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां राजनीतिक रसूख वाले एक शराब ठेकेदार की दबंगई के आगे 61 वर्षीय बुजुर्ग दुकानदार बेबस नज़र आ रहा है। यह बुजुर्ग पिछले कई महीनों से अपनी दुकान का किराया लेने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
Jabalpur News : पीड़ित बुजुर्ग, मुरलीधर सावलानी, ने जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत में गंभीर चेतावनी दी है। सावलानी ने कहा है कि यदि उन्हें जल्द न्याय और उनका बकाया किराया नहीं मिला, तो वह आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
डेढ़ लाख किराया, एक फूटी कौड़ी नहीं
गुप्तेश्वर, प्रेम नगर पोस्ट ऑफिस के पास रहने वाले मुरलीधर सावलानी की प्रेम नगर, नागपुर रोड पर 40 वर्ष पुरानी दुकान है। यह दुकान सतना निवासी शराब ठेकेदार अजय सिंह को 1 अप्रैल 2025 को आवंटित की गई थी। दुकान का किराया डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह तय हुआ था। ठेकेदार ने दुकान शुरू होने के बाद सिर्फ एडवांस की शुरुआती रकम दी, जिसके बाद से सावलानी को एक रुपये का भी किराया नहीं मिला है।
मामले में पूर्व मंत्री के रिश्तेदार का नाम
बुजुर्ग सावलानी को परेशान करने की वजह ठेकेदार के राजनीतिक रसूख से जुड़े होने को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ठेकेदार की ओर से किराए की सारी बातचीत स्थानीय निवासी प्रिन्स नैयर ने की थी। सूत्रों के मुताबिक, प्रिन्स नैयर की पहचान क्षेत्र के पूर्व बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री के करीबी रिश्तेदार के रूप में है।
सावलानी जब सीधे ठेकेदार अजय सिंह से बात करते हैं, तो वह उन्हें प्रिन्स नैयर से मिलने को कहते हैं, जबकि प्रिन्स नैयर लगातार टाल-मटोल कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार और उसके स्थानीय पार्टनर अपनी शासन-प्रशासन में मजबूत पकड़ का इस्तेमाल करके बुजुर्ग को परेशान कर रहे हैं।
कलेक्टर से गुहार: ‘आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर’
पीड़ित मुरलीधर सावलानी ने गढ़ा पुलिस थाने में कई बार लिखित शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्याय न मिलने पर अब उन्होंने जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपकर तत्काल किराया दिलवाने की गुहार लगाई है।
बुजुर्ग की यह चेतावनी प्रशासन के लिए एक गंभीर प्रश्न खड़ा करती है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस राजनीतिक रसूखदार शराब कारोबारी पर कार्रवाई कर बुजुर्ग को उसका हक दिलवाता है या नहीं।








