इंदौर। Indore Breaking : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ड्रोन हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच इंदौर एक बार फिर देश की रक्षा में तकनीकी हब बनकर उभरा है। यहां से बड़ी संख्या में हाई-टेक ड्रोन सेना के लिए सीमावर्ती इलाकों में रवाना किए जा रहे हैं।
इंदौर के युवा इंजीनियर अभिषेक शर्मा और रोशनी शुक्ला के नेतृत्व में एक टीम दिन-रात युद्ध स्तर पर अत्याधुनिक ड्रोन तैयार करने में जुटी है। इस टीम ने ‘नभ रक्षक 1.0’, ‘नभ रक्षक 2.0’ (थर्मल तकनीक से लैस) और ‘नभ रक्षक 5.0’ जैसे स्मार्ट ड्रोन तैयार किए हैं, जो 1000 फीट की ऊंचाई से घने अंधेरे में भी दुश्मनों की पहचान करने में सक्षम हैं।
ये ड्रोन 5 किलो तक वजन उठाकर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं और 10 किलोमीटर तक की दूरी बिना किसी रुकावट के तय करते हैं। इनकी सबसे खास बात यह है कि रडार भी इन्हें पकड़ नहीं पाते, जिससे ये दुश्मन के इलाके में आसानी से निगरानी कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भारतीय सेना इन ड्रोनों का सक्रिय रूप से उपयोग कर रही है। 1971 युद्ध के 54 साल बाद यह पहला मौका है जब युद्ध के मैदान में इस स्तर पर टेक्नोलॉजी का प्रयोग हो रहा है — और इसमें इंदौर के युवाओं की अहम भूमिका बन रही है।