कोंडागांव/नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों ने मंगलवार शाम एक मुठभेड़ में 13 लाख रुपये के इनामी दो माओवादियों को ढेर कर दिया। मारे गए माओवादियों के पास से एक एके-47 राइफल भी बरामद की गई है।
कहां हुई मुठभेड़?
यह मुठभेड़ किलम-बरगुम मरकाम पाल के घने जंगलों में हुई। ऑपरेशन में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम शामिल थी। सुरक्षा बलों को इलाके में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया और मुठभेड़ हुई।
मारे गए माओवादी कौन थे?
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हलदर (DVCM) – पूर्वी बस्तर डिवीजन का डिविजनल कमांडर था। इस पर 8 लाख रुपये का इनाम था।
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रामे (ACM) – एरिया कमांडर था। इस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
दोनों माओवादी छत्तीसगढ़ में लंबे समय से सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एक AK-47 रायफल, माओवादी साहित्य, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। सुरक्षाबलों की रणनीति रंग ला रही बस्तर संभाग में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की रणनीतिक कार्रवाई अब परिणाम देने लगी है। लगातार मिल रही सफलता से माओवादियों के हौसले पस्त होते जा रहे हैं, वहीं आम ग्रामीणों का विश्वास सुरक्षाबलों पर और मजबूत हुआ है।
अधिकारी बोले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है। मुठभेड़ के बाद आस-पास के इलाकों को घेरकर तलाशी ली जा रही है, ताकि बच निकलने की कोशिश करने वाले माओवादियों को भी पकड़ा जा सके। इस ऑपरेशन से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में एक मजबूत संदेश गया है कि अब सरकार और सुरक्षा बल इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।
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