दुर्ग। आज शाम जैसे ही शहर में सायरन गूंजा, पूरे दुर्ग जिले में कुछ देर के लिए सब कुछ थम सा गया। निर्धारित योजना के तहत बिजली सप्लाई बंद कर दी गई और पूरा शहर ब्लैकआउट में चला गया। यहां तक कि भिलाई इस्पात संयंत्र, जो क्षेत्र की ऊर्जा धड़कन माना जाता है, वह भी कुछ समय के लिए अंधेरे में डूब गया।
यह सब किसी हादसे का परिणाम नहीं था, बल्कि यह एक पूर्व निर्धारित आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल थी। जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मिलकर इसे अंजाम दिया गया, ताकि किसी संभावित आपातकालीन स्थिति – जैसे युद्धकालीन खतरा या बड़ी औद्योगिक दुर्घटना – से निपटने की वास्तविक तैयारी परखा जा सके।
इस दौरान आम नागरिकों को भी जागरूक किया गया कि ऐसी स्थिति में उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जगह-जगह पर प्रशासनिक दल, पुलिस और रेस्क्यू टीमें तैनात रहीं। ड्रिल के सफल आयोजन के बाद कलेक्टर ने कहा कि “ऐसी गतिविधियाँ जनता और प्रशासन दोनों के लिए महत्वपूर्ण अभ्यास हैं, ताकि संकट के समय अफरा-तफरी ना मचे।”