सरगुजा, 16 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक स्थित चिरगा पंचायत के बेवरापारा गांव में डायरिया का कहर टूट पड़ा है। विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) पहाड़ी कोरवा समुदाय से संबंधित इस गांव में 14 ग्रामीण डायरिया से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि एक 60 वर्षीय महिला की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही मामले की जानकारी मिली, तुरंत हरकत में आते हुए राहत व उपचार कार्य शुरू किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
सोमवार को सूचना मिलते ही धौरपुर के बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में एक चिकित्सा टीम बेवरापारा पहुंची। जांच के दौरान 14 लोगों में डायरिया के लक्षण पाए गए, जिनमें से 11 को धौरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया। राहत की बात यह रही कि इलाज के बाद मंगलवार शाम तक तीन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि शेष मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है।
संक्रमण का कारण दूषित पानी और भोजन
प्रारंभिक जांच में दूषित भोजन और संदिग्ध पेयजल को डायरिया फैलने का संभावित कारण माना गया है। साथ ही, गांव में स्वच्छता की कमी को भी संक्रमण फैलने का मुख्य कारण बताया गया है।
कलेक्टर ने लिया स्थिति का जायजा
जैसे ही मामले की गंभीरता सामने आई, सरगुजा कलेक्टर डॉ. विलास भोसकर स्वयं गांव पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने जल स्रोतों की साफ-सफाई, क्लोरीनेशन प्रक्रिया शुरू कराने और पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए।
सतत निगरानी और जागरूकता अभियान जारी
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में निरंतर निगरानी बनाए हुए है। ग्रामीणों को साफ पानी पीने, भोजन की स्वच्छता बनाए रखने और व्यक्तिगत साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।