रायपुर। छत्तीसगढ़ में जनता की समस्याओं को ज़मीनी स्तर पर समझने और समाधान तक पहुंचाने के लिए ‘सुशासन तिहार’ का तीसरा चरण आज से शुरू हो गया है। लेकिन इस बार यह अभियान पिछले चरणों से बिल्कुल अलग अंदाज में देखने को मिलेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अब किसी पूर्व सूचना के बिना अचानक जिलों और गांवों का दौरा करेंगे। यह दौरे पूरी तरह गोपनीय और अनपेक्षित होंगे, यानी न तो प्रशासन को पहले से जानकारी होगी और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को। इसका उद्देश्य है, वास्तविक हालात का सीधा मूल्यांकन और सरकारी दावों की ज़मीनी हकीकत को खुद देखना।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री का यह अचानक निरीक्षण अभियान जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए एक संदेश है कि काम में लापरवाही या कागजी दिखावे नहीं चलेंगे। वहीं, आम जनता के लिए यह एक उम्मीद की किरण है कि अब उनकी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच सकती हैं, बिना किसी परत के।
गांव-गांव में सुशासन की दस्तक
इस नए रूप में ‘सुशासन तिहार’ सिर्फ औपचारिक बैठकों और घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अब मुख्यमंत्री स्वयं मौके पर पहुंचकर जन सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच की समीक्षा करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, राशन वितरण, किसान योजनाएं और पंचायतों के कार्य—सब कुछ उनके निरीक्षण के दायरे में होगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी साफ कर दिया है कि इस अभियान का मकसद जनविश्वास मज़बूत करना और सिस्टम को जवाबदेह बनाना है।