China News: नई दिल्ली : चीन किस तरह गरीब देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है, इसका ताजा खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। Lowy इंस्टीट्यूट की नई रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के 75 सबसे गरीब देश इस समय चीन के भारी कर्ज के बोझ तले दबे हैं और उन्हें इस साल चीन को 22 अरब डॉलर की कर्ज किस्त चुकानी है।
China News: ऑस्ट्रेलियाई विदेश नीति थिंकटैंक ‘Lowy इंस्टीट्यूट’ के अनुसार,इन गरीब देशों को चीन ने अब तक 35 अरब डॉलर का कर्ज दे रखा है। रिपोर्ट चेतावनी देती है कि आने वाले वर्षों में चीन ‘बैंकर’ से ज्यादा एक ‘कर्ज वसूलने वाला’ देश बनकर उभरेगा। चीन का यह कर्ज सिर्फ वित्तीय नहीं, सामाजिक संकट भी बन गया है।
China News: अत्यधिक ब्याज दरों के कारण इन देशों की स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निवेश बाधित हो रहा है। रिपोर्ट कहती है कि जब इन देशों को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत थी, चीन ने कर्ज देना बंद कर दिया और वसूली शुरू कर दी।
China News: ये कर्ज मुख्य रूप से चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI)’ के तहत दिए गए थे, जिसके माध्यम से चीन ने सड़क, पुल, अस्पताल, एयरपोर्ट और बंदरगाह जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए विकासशील देशों को कर्ज दिए।
China News: Lowy रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि चीन की यह रणनीति उसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा कर्जदाता बना चुकी है। 2016 तक,चीन का कुल बाहरी कर्ज 50 अरब डॉलर से ऊपर चला गया था, जो पश्चिमी देशों द्वारा दिए गए कुल कर्ज से अधिक था। लाओस इसका ताजा उदाहरण है, जो घरेलू ऊर्जा क्षेत्र में अंधाधुंध निवेश के चलते कर्ज संकट में डूब गया है। चीन द्वारा दिए गए कर्ज से अब वह उबर नहीं पा रहा है।
China News: हालांकि, चीन यह आरोप खारिज करता है कि वह किसी देश को जानबूझकर ‘कर्ज जाल’ में फंसा रहा है, लेकिन रिपोर्ट कहती है कि चीन अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कर्ज का इस्तेमाल कर सकता है।
China News: होंडुरास, निकारागुआ, सोलोमन द्वीप, बुर्किना फासो और डोमिनिकन रिपब्लिक जैसे देशों ने ताइवान से संबंध तोड़ने के बाद चीन से भारी कर्ज लिया**, जो रिपोर्ट के अनुसार, राजनयिक लाभ के बदले कर्ज देने की रणनीति दर्शाता है।
China News: पाकिस्तान, कजाकिस्तान, लाओस, मंगोलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे देशों को भी चीन ने भारी-भरकम कर्ज दिए हैं, जिससे वो खनिज, संसाधन और भौगोलिक लाभ सुनिश्चित करना चाहता है। Lowy इंस्टीट्यूट और AidData दोनों का मानना है कि चीन के कर्ज की वास्तविक मात्रा सार्वजनिक रूप से बताए गए आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। AidData का अनुमान है कि चीन को वैश्विक स्तर पर 385 अरब डॉलर से अधिक वसूलना है।
China News: इस भारी कर्ज वसूली की रणनीति से जहां चीन को रणनीतिक लाभ मिल रहा है, वहीं घरेलू दबाव भी तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि कई देश अब यह कर्ज लौटा पाने में असमर्थ हो रहे हैं। अगर आप चाहें, तो इस विषय पर एक विस्तृत विश्लेषणात्मक लेख या डेटा विज़ुअल के रूप में भी तैयार किया जा सकता है।