CG News : छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अब विवादों के घेरे में आ गई है। बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी एक ताज़ा आदेश ने शिक्षकों को चौंका दिया है। आदेश में हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों को 4 जून की रात 3 बजे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है। यह वक्त सुनकर शिक्षक समुदाय से लेकर शिक्षक संगठनों तक में रोष फैल गया है।
CG News : बिलासपुर के स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति ऑडिटोरियम में आधी रात के इस ‘काउंसलिंग शिफ्ट’ ने सभी को हैरान कर दिया है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि रात 3 बजे से लेकर सुबह तक हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों के प्राचार्य, व्याख्याता, विज्ञान सहायक शिक्षक, लिपिक और भृत्य को काउंसलिंग में शामिल होना है।
रात में काउंसलिंग? क्या ये व्यवस्था तर्कसंगत है?
शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह अव्यवहारिक है। शिक्षक साझा मंच के संजय शर्मा ने इसे न केवल तानाशाहीपूर्ण निर्णय बताया बल्कि शिक्षा विभाग की योजना प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जब तक अतिशेष शिक्षकों की सूची ही स्पष्ट नहीं है, तब तक काउंसलिंग बुलाना जल्दबाजी है। और वह भी रात 3 बजे!”
सूत्रों के अनुसार, जिन 800 शिक्षकों को अतिशेष सूची में शामिल किया गया है, उनकी सूची भी केवल कुछ घंटे पहले यानी 4 जून की सुबह 5 बजे के आसपास जारी की गई। इसके पहले कई जिलों में भी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बिना स्पष्ट सूची के शुरू की गई थी, जिससे भारी विरोध हुआ।
अब बिलासपुर का यह मामला और ज्यादा चिंता पैदा कर रहा है कि आखिर रात 3 बजे काउंसलिंग आयोजित करने की जरूरत ही क्या है? क्या यह शिक्षकों की गरिमा और प्रशासनिक व्यवस्था का मखौल नहीं है?
शिक्षक संगठनों ने इस आदेश को त्वरित संशोधित करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि यह प्रक्रिया इसी प्रकार चलती रही तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।