Big News : नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रामप्रस्थ ग्रुप के डायरेक्टर और प्रमोटर संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी बिल्डरों और घर खरीदारों से ₹1,100 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में हुई है। ईडी ने सोमवार को रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
हजारों खरीदारों से ₹1100 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने विभिन्न परियोजनाओं जैसे प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी (प्लॉटेड कॉलोनी प्रोजेक्ट) के लिए 2,000 से अधिक होमबायर्स से लगभग ₹1,100 करोड़ की धोखाधड़ी की है। आरोप है कि कंपनी ने ग्राहकों से पैसे तो ले लिए, लेकिन 15-20 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें फ्लैटों या प्लॉटों का कब्ज़ा नहीं दिया गया है।
ईडी की पहले की कार्रवाई और कुर्क की गई संपत्तियां
इससे पहले, 11 जुलाई 2025 को ईडी ने आरपीडीपीएल और इसकी समूह कंपनियों की ₹681.54 करोड़ की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। यह कार्रवाई दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों (एफआईआर) के आधार पर शुरू की गई थी। इन शिकायतों में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि आरपीडीपीएल और इसके प्रमोटर अरविंद वालिया व संदीप यादव ने खरीदारों से पैसे लिए, लेकिन वादे के मुताबिक न तो फ्लैट और न ही प्लॉट सौंपे।
कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में फैली करीब 226 एकड़ की दो कॉलोनियां और गाँव बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वज़ीरपुर में मौजूद लगभग 1,700 एकड़ जमीन शामिल है।
फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है, और ईडी इस धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है। इस गिरफ्तारी से रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों और घर खरीदारों के साथ हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ एक कड़ा संदेश गया है।