रायपुर, 27 मई — भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला : भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भू-अर्जन मुआवजा घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच गहराती जा रही है। अब तक की जांच में अधिकारियों को 150 संदिग्ध लोगों और उनसे जुड़े 130 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।
भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला : जांच में सामने आया है कि इन संदिग्धों में महासमुंद और अभनपुर क्षेत्र के लोग प्रमुख रूप से शामिल हैं। खास बात यह है कि महासमुंद स्थित आईसीआईसीआई बैंक की एक ही शाखा से जुड़े 130 खातों का पता चला है, जिनके माध्यम से बड़ी मात्रा में लेनदेन किया गया। फिलहाल इन खातों में हुई वित्तीय गतिविधियों की पड़ताल की जा रही है।
बीते एक महीने के भीतर EOW और ACB की टीमों ने इस घोटाले से जुड़े दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में कारोबारी हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, केदार तिवारी और उनकी पत्नी उमा तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं।
पूछताछ और दस्तावेजी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि भू-अर्जन के बदले मुआवजा पाने वाले करीब दो दर्जन किसानों के खातों से रकम सीधे हरमीत सिंह के खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस ट्रांजैक्शन नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने का काम तेज़ी से किया जा रहा है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह घोटाला करोड़ों रुपये का हो सकता है और इसमें अफसरों, बिचौलियों व कुछ किसानों की साठगांठ का संदेह है। अगले चरण में और गिरफ्तारियां संभव हैं।