डूंगरपुर | डूंगरपुर जिले के गलंदर गांव में एक बुजुर्ग दम्पति की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। 95 वर्षीय रामा भाई अंगारी और 90 वर्षीय जीवली देवी ने पिछले सात दशकों तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद अब पारंपरिक रीतिरिवाजों के साथ सात फेरे लिये। इस अनूठे उत्सव में दोनों के छह संतान—दो बेटे, एक बेटी सरकारी शिक्षक, एक बेटी नर्स तथा अन्य—ने माता-पिता की जोड़ी को वैवाहिक बंधन में बधाई दी।
पिछले 70 वर्षों से एक-दूसरे के साथ घर पर रह रहे रामा भाई और जीवली देवी ने बताया कि वे हमेशा एक-दूसरे का साथ निभाते आए, बावजूद इसके परंपरागत शादी नहीं कर सके। उनके बड़े-बुजुर्ग बच्चों ने कई बार शादी कराने का सुझाव दिया, लेकिन ग्रामीण रीति-रिवाजों को देखते हुए वह टलती रही। इस वर्ष परिवार ने मिलकर तय किया कि अब सार्वजनिक रूप से विवाह कर दोनों की मनोकामना पूरी होगी।
शादी समारोह में परिवार और पड़ोसी के साथ स्थानीय पंचायत के सदस्य भी मौजूद रहे। विवाह के दौरान रामा भाई पारंपरिक सफेद धोती-कुर्ता पहने दिखाई दिए, जबकि जीवली देवी ने रंगीन साड़ी और आभूषण पहने। समारोह में मौजूद लोगों ने बुजुर्ग जोड़े को बधाई दी और उनके नए जीवन की मंगलकामनाएं कीं।
इस विवाह के बाद रामा भाई ने कहा, “हमेशा साथ रहने की वजह से मन तो शादी जैसा ही है, लेकिन आज विधिवत रूप से बंधन में बंधकर खुशी और पूरे परिवार का आशीर्वाद मिला है।” जीवली देवी ने भी भावुक होते हुए कहा, “70 साल का साथ अब आधिकारिक रूप से सम्मान मिला, यह हमारे लिए विशेष अवसर है।”
गलंदर गांव के सरपंच ने इस अवसर को सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग दम्पति का सार्वजनिक सम्मान और विवाह समारोह ने समाज को यह संदेश दिया है कि रिश्तों में स्नेह और विश्वास प्राथमिकता होना चाहिए।
अब रामा भाई और जीवली देवी अपने नए रूप में वैवाहिक जीवन का आनंद लेंगे, जबकि पूरे परिवार ने मिलकर इस दिन को यादगार बना दिया।