Health Care : तेज़ मिर्च-मसालों वाला खाना, भागदौड़ भरी दिनचर्या और तनाव भरा जीवन — ये सब कुछ आज की आम ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही एक समस्या भी आम होती जा रही है, एसिडिटी पेट में जलन, सीने में दर्द, खट्टी डकारें और भारीपन, ये सब लक्षण हैं पेट में बनने वाले अम्ल (एसिड) के असंतुलन के, जिसे आमतौर पर हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या कई वजहों से हो सकती है, खराब खानपान से लेकर गलत दिनचर्या तक।
एसिडिटी होने के प्रमुख कारण:
मसालेदार और तला-भुना भोजन: अत्यधिक तीखा, तैलीय या हैवी खाना एसिड का स्तर बढ़ा देता है।
खाने के तुरंत बाद लेटना: भोजन के बाद शरीर को आराम देने के बजाय लेटना या झुकना एसिड को ऊपर की ओर धकेल सकता है।
तनाव और मानसिक दबाव: लगातार चिंता या स्ट्रेस से शरीर में एसिड का स्तर असामान्य रूप से बढ़ सकता है।
अनियमित जीवनशैली: देर रात तक जागना, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि में कमी भी इसका बड़ा कारण है।
अधिक वजन या मोटापा: शरीर का भार बढ़ने से पेट पर दबाव बढ़ता है, जिससे एसिड ऊपर चढ़ सकता है।
एसिडिटी से राहत के लिए ज़रूरी बदलाव:
संतुलित आहार अपनाएं: खाने में हल्के, कम मिर्च-मसाले वाले और सुपाच्य आहार को जगह दें। ऑयली फूड, चॉकलेट, कैफीन और अल्कोहल से बचें।
भोजन के बाद तुरंत न लेटें: खाना खाने के कम से कम 30 मिनट बाद ही आराम करें या सोएं। भोजन के बाद 5–10 मिनट की धीमी टहल जरूरी है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: दिनभर में 7–8 गिलास पानी पीने से पेट ठंडा रहता है और एसिड कम बनता है।
आसान घरेलू नुस्खे जो दिलाएं राहत:
अदरक: अदरक में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका छोटा टुकड़ा चबाएं या अदरक की चाय पीना फायदेमंद हो सकता है।
सौंफ: भोजन के बाद सौंफ चबाना न सिर्फ पाचन में मदद करता है, बल्कि गैस और एसिडिटी से भी राहत दिलाता है।
बेकिंग सोडा: एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से पेट का एसिड न्यूट्रल होता है और जलन कम होती है।
वजन पर रखें नियंत्रण:
एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। मोटापा एसिड को ऊपर की ओर भेजने में एक बड़ा कारण बन सकता है।
क्या करें जब घरेलू उपाय काम न करें?
अगर उपरोक्त उपायों के बावजूद एसिडिटी की समस्या बार-बार हो रही हो, जलन ज्यादा महसूस हो रही हो या नींद तक बाधित हो रही हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
लंबे समय तक अनदेखी करने पर यह समस्या गैस्ट्रिक अल्सर या एसोफैगस की बीमारी का रूप भी ले सकती है। एसिडिटी कोई गंभीर बीमारी नहीं, लेकिन अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो ये जीवन की गुणवत्ता पर असर डाल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि खानपान, जीवनशैली और कुछ छोटे घरेलू उपायों को अपनाकर इससे राहत पाई जाए।