Cyber Fraud : रायपुर| छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग की महिला डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी को करीब 90 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का शिकार बना लिया गया। यह मामला राज्य की उच्च प्रशासनिक व्यवस्था तक साइबर अपराध की पहुंच और आम जनता के बीच फैल रहे डिजिटल फरेब की भयावहता को उजागर करता है।
कैसे हुई शुरुआत
माया तिवारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो विज्ञापन दिखा, जिसमें बताया गया कि एक कंपनी में निवेश करने पर 6 महीनों में निवेश की रकम दोगुनी हो जाएगी। विज्ञापन को “सरकारी योजना से जुड़ा” बताया गया और एक फर्जी प्रमोशनल वीडियो दिखाया गया जिसमें सरकार का सपोर्ट दर्शाया गया था। इससे माया तिवारी को भरोसा हो गया। उन्होंने दिए गए लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन किया और कंपनी में निवेश करना शुरू किया।
20 से अधिक बार किए ट्रांजेक्शन
डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी ने शुरुआत में छोटे निवेश किए, और फिर धीरे-धीरे बड़ी रकम ट्रांसफर की। कुल मिलाकर 20 से अधिक बार ट्रांजेक्शन किए गए, जिनकी कुल राशि लगभग ₹90 लाख पहुंच गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस फ्रॉड स्कीम में शामिल लोगों में कुछ महिलाएं भी थीं, जिन्होंने कॉल और व्हाट्सएप चैट्स के जरिए खुद को कंपनी की प्रतिनिधि बताया और योजना की प्रामाणिकता को पुख्ता किया।
जब खुला फरेब का राज
निवेश के बाद जब तय समय सीमा बीत गई और कोई रिटर्न या संपर्क नहीं हुआ, तो माया तिवारी को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने संबंधित मोबाइल नंबरों पर कॉल किए, लेकिन सभी स्विच ऑफ या फर्जी निकले।
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पुलिस में शिकायत, जांच शुरू
घटना की गंभीरता को देखते हुए माया तिवारी ने नवा रायपुर के राखी थाना में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी के अनुसार, साइबर टीम और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से जांच शुरू कर दी गई है। ट्रांजेक्शन डिटेल्स और आईपी ट्रेसिंग के आधार पर ठगों की पहचान की जा रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि जिस गिरोह ने इस ठगी को अंजाम दिया, उसमें अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हो सकते हैं, और मामला अंतरराज्यीय साइबर नेटवर्क से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है।
साइबर अपराध के बढ़ते खतरे पर चिंता
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि साइबर अपराधी अब केवल आम नागरिकों को ही नहीं, बल्कि उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी व्यक्तिगत साइबर ठगी में से एक माना जा रहा है।
सावधानी ही सुरक्षा
रायपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन विज्ञापन, संदिग्ध लिंक या अज्ञात निवेश योजना पर भरोसा न करें, और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि किए बिना किसी भी योजना में पैसे न लगाएं।