ED Raid : रायपुर| छत्तीसगढ़ की राजनीति में शुक्रवार को बड़ी हलचल उस वक्त मच गई, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर तड़के छापा मारा और उनके बेटे चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में हुई। अदालत ने चैतन्य को 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।
ईडी का आरोप: 13 करोड़ का सीधा लाभ, 1000 करोड़ की मनी मूवमेंट
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य बघेल ने “Proceeds of Crime” यानी अवैध रूप से कमाई गई राशि से 13 करोड़ रुपये का सीधा लाभ कमाया है। जांच में सामने आया है कि शराब घोटाले की रकम को कंपनियों और फर्जी ट्रांजैक्शनों के जरिए सफेद धन में बदला गया।
चैतन्य की कंपनियां — बघेल एसोसिएट्स और बघेल बिल्डकॉन — इस फर्जीवाड़े में सक्रिय थीं। उन्होंने सहेली ज्वेलर्स और ढिल्लन सिटी मॉल लिमिटेड के साथ मिलकर नकद ऋण देने, वापस न लेने, ब्याज न दिखाने जैसे तरीके अपनाए। फर्जी खरीददारी और कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीदने के जरिए घोटाले की रकम को वैध दिखाने की कोशिश की गई।
बड़े नामों की एंट्री: अनवर ढेबर, दीपेंद्र चावड़ा, पप्पू बंसल
ईडी के अनुसार, शराब सिंडिकेट से जुड़े अनवर ढेबर, दीपेंद्र चावड़ा, पप्पू बंसल जैसे नाम भी इस घोटाले में प्रमुख भूमिका में थे। इनकी मदद से पैसा केके श्रीवास्तव, रामगोपाल अग्रवाल और चैतन्य बघेल तक पहुंचाया जाता था। ईडी का दावा है कि अभी तक की जांच में 13 करोड़ से अधिक की रकम की पुष्टि हो चुकी है।
गिरफ्तारी को बताया गया “राजनीतिक बदले की कार्रवाई”
चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने कोर्ट में गिरफ्तारी को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि चैतन्य को अब तक एक भी समन नहीं भेजा गया, न ही कोई पूर्व सूचना दी गई। केवल पप्पू बंसल के बयान के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
रिजवी ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी के समय चैतन्य अपने जन्मदिन पर पूजा कर रहे थे और ED की टीम जूते पहनकर पूजा स्थल में घुस गई, जिससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची।
कोर्ट में पेशी और रिमांड
गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया। अब 22 जुलाई को चैतन्य को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी इस दौरान मनी ट्रेल, फर्जी कंपनियों और संपत्तियों की जांच करेगी।