रायपुर। Raipur Fraud Exposed : छत्तीसगढ़ पुलिस ने बहुचर्चित ‘बाइक बोट स्कीम’ से जुड़े 2800 करोड़ रुपये की ठगी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मुख्य सरगना संजय भाटी समेत तीन आरोपियों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर रायपुर लाया है। इन ठगों के खिलाफ देशभर में 200 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें से अकेले यूपी में 150 केस संजय भाटी पर दर्ज हैं।
Raipur Fraud Exposed : क्या थी ‘बाइक बोट स्कीम’?
साल 2017 में मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी बनाई गई थी। इस कंपनी ने ओला-उबर की तर्ज पर “बाइक बोट” स्कीम चलाई, जिसमें हर बाइक पर 62,100 रुपये निवेश कराने पर हर महीने 9765 रुपये रिटर्न देने का वादा किया गया। शुरुआत में निवेशकों को कुछ भुगतान मिला, लेकिन बाद में पैसा आना बंद हो गया और आरोपी फरार हो गए।
Raipur Fraud Exposed
छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक फैला नेटवर्क
आरोपियों ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों में स्कीम चलाई। प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में शामिल संपत्तियों को जब्त किया है।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
एसएसपी उमेद सिंह की निगरानी में विशेष टीम गठित की गई। साइबर सेल की मदद से लोकेशन ट्रेस कर पुलिस टीम यूपी के गौतमबुद्ध नगर पहुंची और वहां से संजय भाटी, करणपाल सिंह, और राजेश भारद्वाज को गिरफ्तार किया। तीनों को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाया गया।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
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संजय भाटी: 1500 से अधिक केस धारा 138 NIA एक्ट के तहत विभिन्न राज्यों में दर्ज
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राजस्थान में 50, एमपी में 6, अन्य राज्यों में भी कई मामले दर्ज