रायपुर। Raipur News : शहर की वित्तीय हालत मजबूत करने नगर निगम अब एक नई रणनीति पर काम करने जा रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में पिछड़ने के बाद निगम अब शहर के भीतर और आउटर वार्डों में खाली पड़े प्लॉट्स पर नजर गड़ाए है। इन ओपन प्लॉट्स से टैक्स वसूली की प्रक्रिया सख्ती से लागू की जाएगी। इसके लिए निगम जल्द ही व्यापक सर्वे की तैयारी कर रहा है, जिससे प्लॉट मालिकों की पहचान सुनिश्चित हो सके।
Raipur News : 13 जून को हुए राजस्व प्रशिक्षण शिविर में महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर और आयुक्त विश्वदीप की मौजूदगी में यह अहम फैसला लिया गया। शिविर में माना गया कि नगर निगम को अब पारंपरिक टैक्स साधनों से इतर, नए राजस्व स्रोतों पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक निगम की आय 300 करोड़ तक नहीं पहुंच सकी थी, हालांकि टैक्स की अंतिम तिथि बढ़ने से कुछ राहत जरूर मिली।
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नगर निगम की कुल 3.25 लाख संपत्तियों में से 70 हजार से टैक्स वसूली नहीं हो पाई है, जिनमें 20 हजार संपत्तियां केंद्र व राज्य सरकार और धार्मिक संस्थाओं की हैं। बाकी 50 हजार संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाने की कार्ययोजना बनाई गई है। खासतौर पर उन प्लॉट्स पर फोकस किया जाएगा जिनका डायवर्सन हो चुका है, भले ही रजिस्ट्री बाद में हुई हो।

निगम अधिकारियों के मुताबिक, खाली प्लॉट्स से टैक्स वसूली से लगभग 50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की संभावना है। इसके लिए पटवारी हलकों, राजस्व रिकॉर्ड और वार्डवार डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अब कृषि भूमि के नाम पर टैक्स से बचना आसान नहीं होगा। यदि निगम सीमा में कृषि भूमि पर मकान, गोडाउन या पार्किंग पाई जाती है, तो टैक्स लिया जाएगा। केवल उपज वाली कृषि भूमि को ही टैक्स में छूट दी जाएगी
