रायपुर, 17 अप्रैल: राजधानी रायपुर में एक बार फिर नकली पनीर के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है, जिससे न सिर्फ शहरवासियों की सेहत को खतरा पैदा हुआ है, बल्कि खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने गोकुल नगर स्थित एक डेयरी पर बड़ी छापेमारी कर लगभग 1000 किलो डिब्बाबंद नकली पनीर जब्त किया है। यह नकली पनीर भोपाल और मुरैना से मंगाया जा रहा था और रायपुर समेत छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कई हिस्सों में इसकी आपूर्ति की जा रही थी।
छापेमारी के दौरान डेयरी का संचालन कर रहा सौरभ शर्मा एक बार फिर संदेह के घेरे में आया है। जानकारी के अनुसार, सौरभ पूर्व में भी नकली पनीर के कारोबार में पकड़ा जा चुका है, लेकिन फिर भी उसने इस अवैध कारोबार को बंद नहीं किया। इस बार उसके खिलाफ दोबारा कार्रवाई की गई है, जिससे साफ होता है कि नकली खाद्य पदार्थों का यह कारोबार सख्त निगरानी के बावजूद लगातार पनप रहा है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने डेयरी से पनीर के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है। रिपोर्ट आने तक संबंधित डेयरी को सील कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पनीर की गुणवत्ता और उसमें मिलाए गए रसायनों की पुष्टि रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी, जिसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई तय होगी।
इस घटना ने एक बार फिर आम जनता की सेहत पर मंडराते खतरे को उजागर किया है। नकली और मिलावटी पनीर के सेवन से लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें फूड पॉयजनिंग, लिवर डैमेज, एलर्जी और पेट से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं। यह मामला इस बात का भी संकेत है कि नकली पनीर का गिरोह अब भी सक्रिय है और हर रोज हजारों लोगों की थाली में जहर परोस रहा है।
खाद्य एवं औषधि विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे पैकेज्ड पनीर खरीदते समय ब्रांड, निर्माण तिथि और एफएसएसएआई नंबर की जांच जरूर करें। साथ ही अगर किसी को कहीं नकली या संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी मिले, तो तुरंत विभाग को सूचित करें।
अब सवाल यह उठता है कि पूर्व में पकड़े जा चुके कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जिससे वे दोबारा इस कारोबार को शुरू करने की हिम्मत न करते? क्या केवल डेयरी सील कर देना पर्याप्त है या जरूरत है कि इस नेटवर्क की पूरी जड़ तक पहुंचा जाए?
इस मामले की पूरी जांच जारी है और प्रशासन का दावा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन जब तक सख्त सजा और निरंतर निगरानी नहीं होगी, तब तक ऐसे मिलावटखोरों का साहस बना रहेगा और जनता की थाली में नकली स्वाद के साथ-साथ खतरा भी परोसा जाता रहेगा।