ujjain News : उज्जैन/ जेशव्यास : आज 21 जून को एक अद्भुत खगोलीय घटना का नजारा देखने को मिला। दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर पूरी तरह लंबवत थीं, जिससे कुछ क्षणों के लिए वस्तुओं की परछाई पूरी तरह गायब हो गई। इस घटना को ‘शून्य छाया दिवस’ कहा जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को उज्जैन के पास डोंगला आए। कार्यक्रम से पहले सीएम नागदा बायपास पर संत टाटम्बरी सरकार का आशीर्वाद लेने के बाद उनके आश्रम में पूजन में शामिल हुए। यहां से वे 35 किमी दूर डोंगला में हाईटेक तारा मंडल का लोकार्पण करने पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ भी किया।
ujjain News : कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शिक्षाविद शामिल हुए। इस मौके पर सीएम ने कहा कि, उज्जैन कालगणना का सबसे बड़ा केंद्र है। आज सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन हो रहा है। यह हर साल होने वाली महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। यह हमारा सौभाग्य है कि इसका केंद्र उज्जैन है। हमारी सरकार प्रयास कर रही है कि कालगणना के काल के केंद्र उज्जैन को एक बार फिर दुनिया के मानचित्र पर स्थापित किया जाए। सीएम ने वेधशाला में शंकु यंत्र के बारे में पहले खुद जानकारी ली और इसके बाद वहां मौजूद बच्चों और लोगों को इसके बारे में जानकारी दी। इसके बाद सीएम “खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला में हिस्सा लिया।
ujjain News : देश भर से ज्योतिष विज्ञान और खगोल शास्त्र से जुड़े 300 लोग डोंगला पहुंचे। यहां वे कार्यशाला में भाग लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम से परछाई गायब होने की घटना देखने के बाद तारामंडल में प्रदर्शन भी देखा। कार्यशाला भारतीय खगोलशास्त्र की परंपरा और उसकी वैज्ञानिक प्रासंगिकता पर केंद्रित होगी। विशेषज्ञ भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक विज्ञान के समन्वय पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। कार्यशाला में खगोल विज्ञान के साथ-साथ भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने पर विचार करेंगे।
ujjain News : इस मौके पर प्रो. गंती एस. मूर्ति, राष्ट्रीय संयोजक, भारतीय ज्ञान प्रणाली, भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ. अरविंद रानाडे निदेशक, राष्ट्रीय नव प्रर्वतन प्रतिष्ठान, गांधी नगर, डॉ. अनिल कोठारी महानिदेशक, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल, संजय दुबे अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, डॉ. शिवकुमार शर्मा राष्ट्रीय संगठन मंत्री, विज्ञान भारती, गौतम टेटवाल और सांसद अनिल फिरोजिया कार्यक्रम में उपस्थित थे।