भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सायबर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट के सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड में शामिल मुख्य सरगना को उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी बीते 4-5 सालों से अलग-अलग राज्यों में लोगों को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठग रहा था। पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पढ़ाई महज 8वीं कक्षा तक हुई है, लेकिन शातिर दिमाग से यह देशभर में बड़ी साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। आरोपी हिंदी भाषी राज्यों — मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ — के मोबाइल नंबरों को टारगेट करता था। वह इन नंबरों के आखिरी अंकों में हेरफेर कर कॉल करता था ताकि लोग कॉल को लोकल समझें और जल्दी भरोसा कर लें।
आरोपी खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर कॉल करता था और लोगों को फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाकर डराता था। डराए गए लोगों को वह कहता था कि गिरफ्तारी से बचना है तो तुरंत पैसा जमा करो। लोगों को डिजिटल तरीके से “गिरफ्तार” करने का डर दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी खुद ही कॉलिंग करता था और साथ ही फर्जी खातों और सिमकार्ड का भी इस्तेमाल करता था, जो वह अन्य राज्यों के लोगों के नाम पर जुटाता था। पिछले कई सालों में उसने सैकड़ों लोगों को ठगा और लाखों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया है। भोपाल सायबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि आरोपी को कानपुर से गिरफ्तार कर भोपाल लाया जा रहा है। उससे पूछताछ में कई और खुलासे होने की संभावना है, और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी जारी है।