RAIPUR NEWS : रायपुर : रायपुर में स्कूल और कॉलेज बसों की मैकेनिकल और दस्तावेजीय जांच हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया। यह संयुक्त शिविर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर, वरिष्ठ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री आशीष देवांगन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात डॉ. प्रशांत शुक्ला के मार्गदर्शन में लगाया गया।
RAIPUR NEWS : यह शिविर पुराना बस स्टैंड पंडरी और परिवहन कार्यालय रायपुर में आयोजित हुआ, जिसमें परिवहन विभाग, यातायात विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने संयुक्त रूप से कार्य किया। शिविर में कुल 418 स्कूल और कॉलेज बसें जांच हेतु उपस्थित रहीं।
RAIPUR NEWS : बसों की जांच तीन प्रमुख पहलुओं पर की गई:
1. दस्तावेजों की जांच: पंजीयन प्रमाणपत्र, परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र, स्पीड गवर्नर, ड्राइवर का लाइसेंस आदि।
2. मेकनिकल फिटनेस: लाइट, ब्रेक, टायर, वाइपर, क्लच, स्टीयरिंग, सीट, हॉर्न, रिफ्लेक्टर आदि।
3. माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार स्कूल बसों की अनिवार्य सुरक्षा मानकों की जांच: जैसे पीले रंग की बस, “ON SCHOOL DUTY” लिखा होना, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट एड बॉक्स, महिला अटेंडर, सुरक्षा जाली, सीट के नीचे बैग रखने की सुविधा आदि।
RAIPUR NEWS : 418 में से 302 बसें फिट पाई गईं, जबकि 116 बसों में विभिन्न खामियां पाई गईं। खामियों से संबंधित शैक्षणिक संस्थानों को खामियां दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच में शामिल प्रमुख स्कूलों की सूची और उनमें पाई गई खामियों का विवरण तैयार किया गया है।
RAIPUR NEWS : श्री नारायणा हॉस्पिटल, जिला अस्पताल रायपुर और एएसजी नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सकों ने 418 चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इनमें 26 चालकों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कमजोर दृष्टि संबंधी सलाह दी गई। कुछ को नियमित दवा और चश्मा पहनने की सिफारिश की गई।
RAIPUR NEWS : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने निर्देश दिए हैं कि जिन संस्थानों ने जांच के लिए वाहन नहीं भेजे हैं, उनके यहां परिवहन और यातायात विभाग की संयुक्त टीम भेजकर जांच की जाएगी। नियमों के उल्लंघन पर मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें वाहन जब्ती और शमन शुल्क वसूली भी शामिल है। डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि छात्रों को असुविधा की जिम्मेदारी संबंधित चालक, वाहन मालिक और संस्थान प्रबंधन की होगी। यह कार्रवाई बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और विद्यालय वाहनों की गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।