रायपुर, 29 अप्रैल: जिले में तेजी से पैर पसार रही डमी एडमिशन की प्रथा के खिलाफ आज नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने मोर्चा खोलते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। अपर कलेक्टर श्रीमती अभिलाषा पैकरा को सौंपे गए इस ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और डमी एडमिशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की।
डमी एडमिशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें छात्रों का स्कूलों में नामांकन तो होता है, लेकिन वे नियमित रूप से कक्षाओं में नहीं जाते। पढ़ाई पूरी तरह से कोचिंग संस्थानों में होती है, और स्कूल सिर्फ बोर्ड परीक्षा की पात्रता भर बनकर रह जाते हैं। इस व्यवस्था से न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, बल्कि यह ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के साथ भी अन्याय है।
इस आंदोलन का नेतृत्व एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने किया। उन्होंने ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि डमी एडमिशन शिक्षा के अधिकार की मूल भावना के खिलाफ है और यह शिक्षा के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देता है। उन्होंने प्रशासन से इस पर कठोर कदम उठाने की मांग करते हुए कहा,
“विद्यालय केवल नामांकन लेकर अपनी औपचारिकता पूरी कर रहे हैं, जबकि छात्र पूरे साल कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते हैं। यह प्रक्रिया गरीब और ग्रामीण छात्रों के लिए अवसरों को सीमित कर रही है।”
ज्ञापन में एनएसयूआई ने प्रमुख रूप से निम्नलिखित मांगे रखीं:
- जिले के समस्त स्कूलों एवं कोचिंग संस्थानों की सघन जांच की जाए
- डमी एडमिशन पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए
- दोषी शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता रद्द की जाए
- शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट नियमावली तैयार कर इस प्रथा को रोका जाए
अपर कलेक्टर श्रीमती अभिलाषा पैकरा ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस दौरान एनएसयूआई के अन्य प्रमुख कार्यकर्ता SM वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे, जिला महासचिव रजत ठाकुर, विधानसभा उपाध्यक्ष अंकित बंजारे, हिमांशु तांडी, यश देवांगन, तिरुपति राव, विनय साहू, असलान शेख, लोकेश सारथी एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
एनएसयूआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो छात्र संगठन जिलेभर में व्यापक आंदोलन की तैयारी करेगा।