जबलपुर। Jabalpur News : हैदराबाद से जबलपुर लाए गए रेस कोर्स के लिए बेसकीमती 57 घोड़ों में से 12 घोड़ों की मौत हो चुकी है। पहले 5 दिनों में 8 घोड़ों की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। अब 4 और घोड़ों की मौत के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मामले की पुनः जांच के आदेश दिए हैं।
Jabalpur News : घोड़ों की लगातार हो रही मौत के मद्देनज़र पहले एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित की गई थी, जिसने जांच कर घोड़ों के सैंपल हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे। 44 घोड़ों की ग्लैण्डर बीमारी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, बावजूद इसके स्थिति सामान्य नहीं है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने अब जिला पंचायत सीईओ को दोबारा जांच सौंपी है। पशु चिकित्सकों के अनुसार, तेज गर्मी में लंबी दूरी का सफर और मौसम में बदलाव इन घोड़ों की मौत का बड़ा कारण हो सकता है।
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घोड़ों को जबलपुर के पनागर थाना अंतर्गत रैपुरा गांव में अस्थायी रूप से रखा गया है, जहां तीन डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी कर रही है। प्रशासन अब पूरे मामले की तह में जाकर मौतों की असल वजह जानने में जुट गया है।
इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या बिना पर्याप्त इंतज़ाम के इतनी बड़ी संख्या में घोड़ों को शिफ्ट करना जल्दबाज़ी भरा कदम था? कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भरोसा दिलाया है कि घोड़ों की मौत की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी।