इंदौर। मध्य प्रदेश के मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में गुरुवार सुबह इंदौर और ग्वालियर स्थित आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है। दो माह पहले अलीराजपुर से रिटायर्ड हुए इस अफसर की वैध आय करीब दो करोड़ रुपये मानी जा रही है, जबकि अब तक की जांच में सामने आई संपत्ति 8 से 10 करोड़ रुपये तक आंकी गई है।
छापेमारी के दौरान करीब 75 लाख रुपये नकद, डेढ़ किलो सोने की ईंटें, करोड़ों रुपये के सोने-चांदी के आभूषण, महंगी गाड़ियाँ, और कीमती परफ्यूम कलेक्शन बरामद किए गए हैं। लोकायुक्त टीम को अफसर के इंदौर स्थित पलासिया क्षेत्र के कैलाश कुंज फ्लैट से भारी मात्रा में संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा बिजनेस स्काई पार्क ऑफिस समेत सात ठिकानों और ग्वालियर स्थित मकान पर भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में भर्ती हुए थे। चार दशक की सेवा में उनकी अनुमानित वैध आय करीब दो करोड़ रुपये बताई जा रही है, लेकिन लोकायुक्त जांच में मिली संपत्ति इससे चार से पांच गुना अधिक है। टीम के मुताबिक, यह संपत्ति कई सालों से अलग-अलग नामों पर निवेश और खरीद के जरिए खड़ी की गई है।
लोकायुक्त की कार्रवाई का नेतृत्व डीसीपी सुनील तालान कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच के बाद टीम को भदौरिया परिवार के फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ाव के सबूत भी मिले हैं। जानकारी के अनुसार, उनके बेटे सूर्यांश भदौरिया और बेटी ने फिल्म निर्माण में निवेश किया है। आशंका है कि इस निवेश के जरिए काली कमाई को वैध बनाने की कोशिश की गई हो सकती है। इस पहलू की जांच भी लोकायुक्त द्वारा की जा रही है।
छापे के दौरान मिली संपत्ति और दस्तावेजों के आधार पर लोकायुक्त ने अनुमान जताया है कि भदौरिया की कुल संपत्ति 10 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। इनमें कई संपत्तियां बेनामी निवेश के रूप में सामने आई हैं। टीम अब बैंक खातों, लॉकर्स और फिल्म से जुड़े लेन-देन की भी गहन जांच कर रही है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में मध्य प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामलों पर लोकायुक्त की सख्ती बढ़ी है। पिछले महीने ही रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी इंजीनियर और राजस्व विभाग के एक अधिकारी के यहां भी करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था। धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के ठिकानों पर हुई यह कार्रवाई प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी पोस्ट-रिटायरमेंट रेड में से एक मानी जा रही है।








