मथुरा । Hema Malini Controversy : ब्रज क्षेत्र में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के बयान – “जिसको जहां जाना है, चला जाए, कॉरिडोर बनकर रहेगा” – पर अब स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। विशेष रूप से ब्रज की महिलाओं ने खुलकर विरोध दर्ज किया है और चेताया है कि ब्रज की पहचान से खेलने वालों को अब यहां से खदेड़ा जाएगा।
Hema Malini Controversy : महिलाओं ने कहा कि बाहरी लोग ब्रज की आत्मा और संस्कृति को बिना समझे बदलाव थोपने पर आमादा हैं, जबकि ब्रजवासी इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़े हैं। कुंजगली और गोस्वामी गली को मिलाकर कॉरिडोर निर्माण की योजना को लेकर भी नाराजगी है। उनका कहना है कि यह पवित्र स्थानों की परंपरा और विरासत को खत्म करने की कोशिश है।
हेमा मालिनी ने जताया खेद
मामला गरमाने के बाद हेमा मालिनी ने सफाई दी है कि उनका इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था और यदि किसी को ठेस पहुंची है तो वे क्षमा मांगती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे ब्रज के लोगों का सम्मान करती हैं और विकास कार्यों में सबकी भागीदारी चाहती हैं।
सरकार की योजना और अदालत का रुख
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर कोष के धन का उपयोग रोक दिया है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया कॉरिडोर निर्माण में बाधा बनने पर की जा सकती है, लेकिन दर्शनार्थियों की सुविधा और ब्रज की गरिमा बनी रहनी चाहिए।
ब्रज कॉरिडोर की योजना अब केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दा बन गई है, जिसमें स्थानीय जनता और नेताओं के बीच टकराव तेज हो चला है।