Fake Aadhaar Card : दिल्ली : फर्जी आधार कार्ड के जरिए अवैध प्रवासियों की घुसपैठ ने अब राजधानी की सुरक्षा और व्यवस्था को सीधी चुनौती दे दी है। इस मामले में दिल्ली के मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर चेताया है कि अवैध प्रवासी फर्जी दस्तावेजों के सहारे न सिर्फ आधार कार्ड बनवा रहे हैं, बल्कि पासपोर्ट, वोटर ID और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर दिल्ली की नौकरियों और संसाधनों पर भी कब्जा जमा रहे हैं।
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मुख्य सचिव ने साफ कहा – आधार नियम हों और सख्त..
मुख्य सचिव ने साफ कहा है कि आधार नामांकन प्रक्रिया में फील्ड लेवल सत्यापन और निगरानी पूरी तरह फेल हो चुकी है, और अब इसे तत्काल प्रभाव से इन-हाउस मॉडल में लाने की जरूरत है। उन्होंने UIDAI के 14 अक्टूबर 2022 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सभी राज्य सरकारों को मार्च 2023 तक आउटसोर्सिंग बंद करने का निर्देश मिला था, लेकिन दिल्ली में आज भी कई नामांकन केंद्र प्राइवेट एजेंसियों के भरोसे चल रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध प्रवासी दिल्ली में न केवल आधार कार्ड, बल्कि पासपोर्ट और वोटर ID जैसे संवेदनशील दस्तावेज भी हासिल कर रहे हैं। इसके जरिए ये लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, स्थानीय नौकरियों पर काबिज हो रहे हैं और दिल्ली के श्रम बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा खतरा मंडरा रहा है।
15 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार और नगर निगमों द्वारा संचालित सभी आधार नामांकन केंद्रों की विस्तृत रिपोर्ट 15 जुलाई तक सौंपी जाए। रिपोर्ट में यह भी साफ किया जाए कि आधार बनाने वाली मशीनें किसके नियंत्रण में हैं—सरकारी रजिस्ट्रार के या किसी प्राइवेट एजेंसी के। दिल्ली की सुरक्षा और संसाधनों को बचाने की इस मुहिम में अब कोई ढिलाई नहीं चलेगी — मुख्य सचिव ने LG को स्पष्ट संदेश दे दिया है। आने वाले दिनों में फर्जी दस्तावेज माफियाओं की शामत तय है।