रायपुर। CG News : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव संजय विनायक जोशी इन दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। उन्होंने बलौदाबाजार में आयोजित समृद्ध भारत सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रदेश की सांस्कृतिक और सामाजिक नीतियों को लेकर बेबाक राय रखी। खास तौर पर गौधाम नामकरण के फैसले पर उन्होंने इसे “सिर्फ प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पुनर्पुष्टि” बताया।
CG News : जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “गौधाम शब्द में जो आत्मा है, वो सिर्फ गोवंश की देखरेख नहीं, बल्कि ग्राम्य भारत की आत्मा को सहेजने की सोच है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि पूर्ववर्ती सरकार के गौठान मॉडल में कुछ व्यावहारिक बातें थीं, तो वर्तमान सरकार को उस पर विचार करना चाहिए, लेकिन नई पहचान और पारंपरिक मूल्यों के साथ।
गौवंश की सुरक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर जोशी ने कहा कि सड़कों पर बेसहारा घूमते मवेशियों की स्थिति चिंताजनक है और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को राजनीति से ऊपर उठकर हल निकालना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि “गौधाम” केवल एक ढांचा नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे ग्रामीण रोजगार, जैविक खेती और पंचगव्य आधारित चिकित्सा जैसे विषयों से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि यह आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के मॉडल का हिस्सा बने।