रायपुर : CG News : देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रह को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की आज दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ के अनुभवों को साझा करते हुए बोगस व्यवसायियों पर नकेल कसने, पंजीकरण प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर रोक लगाने के लिए कई ठोस सुझाव दिए। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत इस समूह का संयोजन कर रहे हैं।
CG News : डेटा एनालिटिक्स और AI का सफल प्रयोग
बैठक में बतौर सदस्य शामिल हुए ओ.पी. चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कर अपवंचन रोकने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत देने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने रेखांकित किया कि इन प्रयासों से राज्य के जीएसटी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक उपयोगी उदाहरण बन सकता है।
फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र की वकालत
वित्त मंत्री चौधरी ने बैठक में बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन पर भी चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि इन नवाचारों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने से फर्जी व्यवसायियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई जा सकेगी।
चौधरी ने विशेष रूप से फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की रोकथाम, और पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसे उपाय न केवल राजस्व में वृद्धि करेंगे, बल्कि करदाताओं का विश्वास भी बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का अनुभव बना मिसाल
ओ.पी. चौधरी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने सभी राज्यों से साझा प्रयास करने का आह्वान किया, ताकि जीएसटी राजस्व संग्रह में स्थिरता और वृद्धि सुनिश्चित हो सके। चौधरी ने उम्मीद जताई कि मंत्रियों के समूह द्वारा सुझाए गए उपायों को जीएसटी परिषद जल्द ही लागू करेगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को एक नई दिशा मिलेगी।