रायपुर। CG News : छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने कांग्रेस को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। गिरफ्तारी के दो दिन बाद पार्टी ने अब 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर कांग्रेस ने न केवल रणनीति बनाई है, बल्कि राज्यभर के प्रमुख मार्गों पर वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी भी तय कर दी गई है।
CG News : सिर्फ विरोध नहीं, अब प्रतिरोध की तैयारी
कांग्रेस का आरोप है कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और यह राज्य में विपक्षी नेतृत्व को दबाने की साजिश है। पार्टी इसे ईडी के दुरुपयोग और सत्ता-प्रभावित कार्रवाई बता रही है। इसके जवाब में कांग्रेस अब राज्य के अलग-अलग हिस्सों में प्रमुख हाईवे और मार्गों को जाम कर आर्थिक गतिविधियों को रोकने की तैयारी में है।
कहां कौन संभालेगा मोर्चा?
पार्टी की रणनीति के तहत जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें—
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रायपुर में डॉ. शिवकुमार डहरिया
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बिलासपुर में अटल श्रीवास्तव
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दुर्ग में गिरीश देवांगन
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रायगढ़ में उमेश पटेल
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कोरबा में पुरुषोत्तम कंवर और मोहित केरकेट्टा
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बस्तर में लखेश्वर बघेल
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कोंडागांव-नारायणपुर में मोहन मरकाम
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मतरी में धनेंद्र साहू
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सरगुजा में प्रेमसाय सिंह
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सरायपाली में रामकुमार यादव
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जांजगीर-चांपा में व्यास कश्यप
दीपक बैज की अगुवाई में बना मास्टर प्लान
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने सभी संभागों के लिए यह जिम्मेदारी तय की है और पार्टी पदाधिकारियों के साथ रणनीतिक बैठक कर अंतिम रूप दे दिया गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अनुशासित हो, लेकिन प्रभावशाली होना चाहिए।
गिरफ्तारी का समय भी बना मुद्दा
कांग्रेस का आरोप है कि ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन गिरफ्तार किया, जिसे पार्टी ने व्यक्तिगत प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है। कांग्रेस इसे सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश मान रही है।
अब नजरें 22 जुलाई पर
प्रदेशभर में कांग्रेस के चक्काजाम और नाकेबंदी का असर किस स्तर तक होगा, यह 22 जुलाई को सामने आएगा। फिलहाल प्रशासन भी पूरी स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है और सुरक्षा को लेकर आवश्यक तैयारियां कर रहा है।छत्तीसगढ़ की राजनीति में टकराव अब सड़क पर उतरने को तैयार है।