नई दिल्ली/इस्लामाबाद : भारत द्वारा सिंधु जल संधि को तोड़ने के फैसले ने पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तानी नेताओं ने इसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से भी बड़ा झटका बताया है। पानी की किल्लत से जूझ रहे सिंध और पंजाब प्रांतों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।
भारत ने यह कड़ा कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया है, जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारत का यह संदेश साफ है—अब सिर्फ बयान नहीं, हर स्तर पर जवाब होगा।
सिंधु जल संधि, जो 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी, के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों और पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार मिला था। अब भारत इस व्यवस्था पर पुनर्विचार कर रहा है।
यह निर्णय पाकिस्तान के लिए सिर्फ कूटनीतिक झटका नहीं, बल्कि आंतरिक अस्थिरता का कारण बन सकता है। जानकारों का कहना है कि इससे पाकिस्तान में पानी को लेकर तनाव, प्रदर्शन और संभवतः हिंसा की स्थिति भी बन सकती है।