भोपाल। Bhopal News : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक निजी कॉलेज में छात्राओं के साथ ड्रग्स, रेप, धर्मांतरण और ब्लैकमेलिंग जैसे संगीन अपराधों के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आयोग ने मामले की जांच के बाद रिपोर्ट सौंपते हुए इसे “यौन व्यापार जैसा अपराध” बताया है और पुलिस की लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है।
Bhopal News : NHRC की टीम ने 13 मई से 17 मई तक भोपाल पहुंचकर पीड़ित छात्राओं, उनके परिजनों, गवाहों और कॉलेज स्टाफ से पूछताछ कर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराध की गंभीरता और बच्चों-किशोरियों की सुरक्षा को देखते हुए एक बड़ी साजिश और नेटवर्क की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
आयोग की प्रमुख सिफारिशें:
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मुख्य आरोपी फरहान और सहयोगी शरीक मछली के अन्य राज्यों में नेटवर्क की जांच हो।
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SSP रैंक से ऊपर का अधिकारी नई जांच टीम का नेतृत्व करे।
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कॉलेजों में UGC गाइडलाइंस और एंटी रैगिंग सेल का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
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पीड़ित छात्राओं को पढ़ाई पूरी कराने के लिए छात्रवृत्ति दी जाए और सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
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मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक पीड़िता को ₹5 लाख और एक नाबालिग को ₹6 लाख की राहत राशि दी जाए।
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क्लब 90 को बिना सूचना तोड़ने की भी जांच हो।
NHRC ने स्पष्ट किया है कि यह मामला केवल एक कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य और देश के भीतर एक संगठित अपराध नेटवर्क से भी जुड़ा हो सकता है। आयोग ने 4 हफ्तों में विस्तृत रिपोर्ट और 2 हफ्तों में अनुपालन रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला न सिर्फ राज्य प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।