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अनिरुद्धाचार्य को क ख नहीं पता, क्या हैं वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई

19 अप्रैल 2025: सोशल मीडिया की दुनिया में एक कथन इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है – “अनिरुद्धाचार्य को क ख नहीं पता”। यह वाक्य मात्र एक व्यंग्य नहीं, बल्कि एक गहरे वैचारिक मतभेद की ओर इशारा करता है, जिसने संत समाज में हलचल मचा दी है। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा कहा किसने, और क्यों?

किसने कही ये बात?

यह बयान संत रामपाल महाराज के नाम से जोड़ा जा रहा है, जो सोशल मीडिया पर अपनी वैचारिक स्पष्टता और विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि संत रामपाल महाराज ने कहा, “अनिरुद्धाचार्य जी व्रत करने की वकालत करते हैं, जबकि उन्हें शास्त्रों का क ख नहीं पता।” उनका तर्क है कि भगवद्गीता के अध्याय 6 श्लोक 16 में साफ तौर पर भूखे रहने यानी व्रत रखने के विरुद्ध कहा गया है।

संत रामपाल ने और क्या कहा?

संत रामपाल जी ने अनिरुद्धाचार्य के कर्मफल संबंधी विचारों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भुगतना ही है, तो फिर भक्ति करने का उपदेश क्यों दिया जाता है? साथ ही उन्होंने कबीर साहेब को परमात्मा सिद्ध करने के लिए वेदों के मंत्रों का हवाला भी दिया:

  • ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 96, मंत्र 16-20

  • अथर्ववेद कांड 4, अनुवाक 1, मंत्र 7

  • यजुर्वेद अध्याय 40, मंत्र 8

  • सामवेद मंत्र संख्या 30

इन शास्त्रीय प्रमाणों के जरिए उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि कबीर साहेब ही सृष्टि के रचयिता हैं।

कहां से वायरल हुई यह पोस्ट?

इस पूरे विवाद को हवा देने वाला इंस्टाग्राम पोस्ट “डीके साल्वी” नामक एक अकाउंट से वायरल हुआ है, जिनका पूरा नाम दिनेश कुमार साल्वी बताया जा रहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में अनिरुद्धाचार्य जी पर तीखे आरोप लगाए, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर सनातन धर्म मानने वालों के बीच दो स्पष्ट धड़े बन गए हैं।

क्या यह एक साजिश है?

कुछ धर्मप्रेमी संगठनों का मानना है कि यह पोस्ट केवल एक संत को बदनाम करने की कोशिश नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश है। उनका आरोप है कि जब सनातनी संगठन पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उसी वक्त इस तरह की पोस्ट सामने आना संयोग नहीं हो सकता। उनका कहना है कि इस पोस्ट के जरिए सनातनियों को आपस में लड़ाने और आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

अनिरुद्धाचार्य का जवाब?

हालांकि अभी तक अनिरुद्धाचार्य जी की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनके अनुयायियों का कहना है कि वे स्वयं इस प्रकार की पोस्टों का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं और समय आने पर इसका उचित उत्तर देंगे।

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