निर्जला एकादशी आज : शुक्रवार, 6 जून 2025 को निर्जला एकादशी का पावन व्रत मनाया जा रहा है। यह एकादशी सभी एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। जो भक्त इस दिन पूर्ण नियम और श्रद्धा से व्रत रखते हैं, उन्हें वर्षभर की एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य अंशु पारीक के अनुसार, आज दक्षिण दिशा में दिशाशूल प्रभावी रहेगा। अतः इस दिशा में यात्रा करना आवश्यक हो तो थोड़ा अदरक खाकर ही यात्रा प्रारंभ करें, और शुभ चौघड़िया का ध्यान रखें।
🔹 आज का पंचांग:
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तिथि: एकादशी – निर्जला एकादशी
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वार: शुक्रवार
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नक्षत्र: अनुराधा
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योग: सुकर्मा
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सूर्योदय: प्रातः 05:21 बजे
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सूर्यास्त: सायं 07:04 बजे
🔹 शुभ मुहूर्त:
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शुभ कार्यों के लिए समय: प्रातः 9:15 से दोपहर 12:10 बजे तक
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 बजे तक
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गोधूलि मुहूर्त: सायं 06:45 से 07:15 बजे तक
इस दिन दान-पुण्य, व्रत, कथा-पाठ और श्रीहरि विष्णु की विशेष पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। निर्जला एकादशी पर जल तक ग्रहण न कर व्रत रखना बेहद पुण्यदायी माना गया है।
व्रत एवं पूजा विधि
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प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
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भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा या चित्र पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
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तुलसी, पीला फूल, चंदन, अक्षत और पंचामृत से भगवान का पूजन करें।
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विष्णु सहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
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दिनभर निराहार (बिना जल ग्रहण किए) उपवास रखें।
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रात्रि में श्रीविष्णु का भजन-कीर्तन करें और जागरण करना श्रेष्ठ माना गया है।
दान-पुण्य का महत्व
निर्जला एकादशी पर जल दान, छाता, कूलर या पंखा, कपड़े, गुड़, सत्तू, फल और जल से भरे मटके का दान अत्यंत पुण्यदायी होता है। यह व्रत पापों का नाश करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। विशेषकर जो व्यक्ति जल का दान करता है, उसे अक्षय फल की प्राप्ति होती है।