GST Data Scam : सूरत : सूरत में एक बड़े जीएसटी डेटा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें ‘डेटा सॉल्यूशन’ नामक गिरोह पर व्यापारियों की गोपनीय जीएसटी जानकारी को ₹8,000 से ₹15,000 में बेचने का आरोप है। सूरत चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशनने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर इस घोटाले की जानकारी दी है।
GST Data Scam : पत्र में बताया गया है कि ‘डेटा सॉल्यूशन’ गिरोह दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा से संचालित हो रहा है और व्यापारियों के GSTR-1, 2B, 3B और ई-वे बिल जैसे संवेदनशील डेटा को तीन महीने के पैकेज में ₹15,000 में बेच रहा है। यह डेटा व्यापारियों के ग्राहकों, बिक्री और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी जानकारी प्रदान करता है, जिससे प्रतिस्पर्धी आसानी से उनके व्यवसाय को कॉपी कर सकते हैं।
GST Data Scam : यह गिरोह कार्यालय जैसे सेटअप में काम करता है और ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार डेटा पैकेज प्रदान करता है। बुनियादी डेटा ₹5,000 से शुरू होता है, जबकि विस्तृत जानकारी वाले पैकेज ₹25,000 तक जाते हैं। एक व्हाट्सएप चैट लीक होने के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें एक ब्रोकर और व्यापारी के बीच “नॉर्मल डोमेस्टिक डेटा” और ई-वे बिल विवरण वाले पैकेज की बातचीत सामने आई।
GST Data Scam : CAAS के अध्यक्ष हार्दिक काकड़िया ने कहा कि यह घोटाला व्यापारियों की गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है और इससे व्यापार में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो व्यापार करना सुरक्षित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, “यह केवल गोपनीयता का उल्लंघन नहीं है, बल्कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए सीधा खतरा है।”
GST Data Scam : CAAS ने गुजरात सरकार को पहले ही इस मुद्दे की जानकारी दी थी, लेकिन उन्हें बताया गया कि यह मामला केंद्रीय सरकार के हस्तक्षेप के बिना हल नहीं हो सकता। अब उन्होंने वित्त मंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि जीएसटी डेटा सुरक्षा ढांचे में मौजूद खामियों को दूर किया जा सके।
GST Data Scam : यह घोटाला जीएसटी प्रणाली में गंभीर सुरक्षा चूक को उजागर करता है और व्यापारियों की गोपनीय जानकारी की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाएगी और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएगी।