मणिपुर | मणिपुर के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन ने कहर बरपाया है, जिससे अब तक 883 घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं और करीब 3800 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन हालात फिलहाल सामान्य से दूर हैं।
राज्य के इंफाल पूर्व जिले में बह रही इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, जिससे आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया। प्रशासन के मुताबिक, अभी तक तटबंध नहीं टूटा है, लेकिन खुरई, हिंगांग और आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय स्वयंसेवकों और प्रशासनिक दलों द्वारा तटबंधों को मजबूत करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत बल की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचा रही हैं। प्रशासन ने स्कूल, पंचायत भवन और सामुदायिक केंद्रों को अस्थायी राहत शिविरों में बदल दिया है।
हालांकि चेकॉन और वांगखेई इलाकों में जलस्तर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन जमीन खिसकने और मिट्टी धंसने की घटनाओं ने ग्रामीण इलाकों में हालात और खराब कर दिए हैं।