नई दिल्ली | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को शनिवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसका 101वां अंतरिक्ष मिशन निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका। PSLV-C65 रॉकेट, जो एक अत्याधुनिक सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने के लिए लॉन्च किया गया था, तीसरे चरण में तकनीकी विफलता के कारण मिशन को पूरा नहीं कर सका।
इस मिशन के सफल होने पर भारत को एक विशेष वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग समूह में स्थान मिलने की संभावना थी, जो अब फिलहाल टल गई है। PSLV रॉकेट अपने पहले और दूसरे चरण में पूरी तरह सफल रहा, लेकिन तीसरे चरण में ट्रैकिंग डेटा में विचलन के संकेत मिलने के बाद मिशन कंट्रोल ने इसे ‘नॉन-अचीविंग मिशन’ घोषित कर दिया।
ISRO के वैज्ञानिकों ने तकनीकी खराबी की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में संकेत मिल रहे हैं कि ईंधन प्रवाह या थ्रस्ट में असामान्यता मिशन फेल होने की वजह हो सकती है।
इस असफलता के बावजूद ISRO का कहना है कि हर मिशन एक सीख देता है और आने वाले अभियानों को और बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता है। अंतरिक्ष विज्ञानियों और इंजीनियरों की टीम अगले लॉन्च की तैयारियों में पहले से जुट चुकी है।