नई दिल्ली। Jagdeep Dhankar Resignation : भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को अचानक पद से इस्तीफा देकर देश की राजनीति को हिला दिया है। यह इस्तीफा केवल संवैधानिक पद से हटने की घोषणा भर नहीं, बल्कि कई राजनीतिक और संस्थागत सवालों को जन्म देने वाला घटनाक्रम बन गया है। धनखड़ का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में था।
Jagdeep Dhankar Resignation : धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस फैसले की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि वह शाम तक खुद धनखड़ से मिले थे और बातचीत में कोई अस्वस्थता नहीं दिखी। उन्होंने दावा किया कि यह इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही रहस्यमयी भी। राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कहा कि वह शाम 5:45 बजे तक उपराष्ट्रपति के केबिन में मौजूद थे, और स्वास्थ्य को लेकर कोई संकेत नहीं मिला।
इस बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष ‘कादर खान की स्क्रिप्ट’ पढ़ रहा है। उन्होंने विपक्ष पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि जब व्यक्ति के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतानी चाहिए, तब राजनीतिक नाटक रचा जा रहा है। दुबे ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा कि विपक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ उनके कार्यकलापों को लेकर महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रहा था।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और अब वह देश के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। उनसे पहले वर्ष 2002 में कृष्ण कांत का कार्यकाल निधन के कारण अधूरा रह गया था, जबकि 1969 में वी.वी. गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव में उतरने के लिए इस्तीफा दिया था।
अब सवाल यह है कि क्या धनखड़ का इस्तीफा केवल स्वास्थ्य कारणों से है, जैसा कि संकेत दिए जा रहे हैं, या इसके पीछे कोई गहरा राजनीतिक दबाव, रणनीति या अंदरूनी टकराव है? सत्ता के गलियारों में हलचल है, पर जवाब अभी धुंध में छिपा है।