CG Politics :रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने रविवार को रायपुर स्थित एकात्म परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में एक के बाद एक घोटाले हुए और अब जब जांच की आंच पहुंच रही है, तो कांग्रेस बौखलाई हुई है। भूपेश बघेल को निशाने पर लेते हुए मंत्री कश्यप ने तीखा तंज कसा — “चोर-चोर मौसेरे भाई, इसलिए कांग्रेस हाईकमान भी उनका साथ दे रही है।”
CG Politics :कांग्रेस शासनकाल को बताया घोटालों का दौर
CG Politics :कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार ने शराब, महादेव ऐप, पीएसी, चारा, गोबर और डीएमएफ (DMF) से जुड़े घोटालों के जरिये सरकारी पैसों की खुली लूट की। उन्होंने दावा किया कि कई आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन भूपेश बघेल आज भी खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
CG Politics :पेड़ कटाई और कोल ब्लॉक में कथनी-करनी का फर्क
CG Politics :वन मंत्री ने कांग्रेस पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई की इजाजत खुद भूपेश सरकार ने दी थी। उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरणीय स्वीकृति की सिफारिश की थी और 2022 में राजस्थान को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया। लेकिन अब वही कांग्रेस विपक्ष में आकर उसका विरोध कर रही है।
CG Politics :“प्रदेश को अशांति की ओर धकेल रही कांग्रेस”
CG Politics :कश्यप ने कहा कि कांग्रेस राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से आर्थिक नाकेबंदी और उकसावे की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने नेताओं को बचाने के लिए प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है।
CG Politics :भूपेश बघेल से किए तीखे सवाल
CG Politics :मंत्री कश्यप ने भूपेश बघेल से पूछा कि जब यूपीए सरकार के कार्यकाल में कोल ब्लॉक आवंटन हुए, तब क्या वह माफी मांगेंगे? क्या वे खुद कांग्रेस भवन की बिजली काटने का साहस दिखाएंगे? उन्होंने दावा किया कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पत्र के माध्यम से भूपेश सरकार को चेताया था कि ‘10 जनपथ’ के दबाव में गलत फैसले लिए जा रहे हैं।
CG Politics :भाजपा के सुशासन का दावा
CG Politics :कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की कथनी-करनी का फर्क अब जनता जान चुकी है। इसी कारण उसे पांच साल में सत्ता से बाहर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पारदर्शी और जनहितैषी शासन की शुरुआत हो चुकी है।