Bilaspur News : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित *कोयला लेवी घोटाले* में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई संपत्ति कुर्की को लेकर अब हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई चल रही है। इस मामले में प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया और उनके परिजनों सहित केजेएसएल कोल पावर व इंद्रमणि मिनरल्स ने संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं।
Bilaspur News : हाईकोर्ट में सभी 10 याचिकाओं की सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
Bilaspur News : क्या है मामला?
Bilaspur News : ED ने 30 जनवरी 2025 को पीएमएलए एक्ट के तहत 49.73 करोड़ रुपये की 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियां कुर्क की थीं।
इनमें सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी, दिव्या तिवारी, सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी और IAS समीर विश्नोई से जुड़ी संपत्तियां शामिल थीं।
Bilaspur News : याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता
Bilaspur News : हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा, निखिल वार्ष्णेय, शशांक मिश्रा और अभ्युदय त्रिपाठी ने पैरवी की, जबकि ईडी की ओर से डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने पक्ष रखा।
Bilaspur News : क्या है कोयला लेवी घोटाला?
Bilaspur News : ED की जांच में सामने आया कि जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच राज्य में कोयले के हर टन पर **25 रुपये की अवैध लेवी** वसूली गई।
इस घोटाले के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी बताए गए हैं।
* खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर विश्नोई के आदेश पर ऑनलाइन परमिट सिस्टम को ऑफलाइन किया गया।
* व्यापारियों से पैसा लेकर ही परमिट और पास जारी किए जाते थे।
* यह रकम सीधे सूर्यकांत तिवारी के नेटवर्क तक पहुंचती थी।
Bilaspur News : 570 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप
Bilaspur News : जांच में सामने आया कि इस घोटाले से करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई। इस पैसे से कई संपत्तियां खरीदी गईं और राजनेताओं-अधिकारियों को रिश्वत देने के साथ चुनावी खर्चों में भी इसका इस्तेमाल हुआ।
Bilaspur News : वर्तमान स्थिति
* सौम्या चौरसिया को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन उन्हें राज्य से बाहर रहने का आदेश है।
* सूर्यकांत तिवारी अभी भी जेल में हैं।
Bilaspur News : अब निगाहें हाईकोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि ईडी की कुर्की कार्रवाई कितनी कानूनी रूप से मजबूत है।