रायपुर, छत्तीसगढ़। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के 17 नगरीय निकायों में कुल 18 सेंट्रल लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन की स्थापना के लिए 114 करोड़ 50 लाख 77 हजार रुपये की मंजूरी दी है। इस निर्णय से राज्य के युवाओं को बेहतर अध्ययन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, खासकर उन इलाकों में, जहां अब तक शिक्षा के साधन सीमित रहे हैं।
इन लाइब्रेरीज को 250 और 500 सीटों की क्षमता के अनुसार दो श्रेणियों में बांटा गया है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार:
-
13 लाइब्रेरीज, जिनकी प्रत्येक की क्षमता 250 सीटों की होगी, के लिए 57 करोड़ 39 लाख 37 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
-
वहीं 5 लाइब्रेरीज, जिनकी क्षमता 500 सीटों की होगी, के निर्माण हेतु 57 करोड़ 11 लाख 40 हजार रुपये मंजूर किए गए हैं।
रायपुर को दो बड़ी लाइब्रेरी की सौगात
राजधानी रायपुर में भी युवाओं को एक अत्याधुनिक अध्ययन वातावरण देने की दिशा में कदम उठाया गया है। यहां 500-500 सीटों की दो नई सेंट्रल लाइब्रेरी के निर्माण के लिए कुल 22 करोड़ 84 लाख 56 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का नया उजाला
इस योजना के तहत कई नक्सल प्रभावित और पिछड़े माने जाने वाले जिलों जैसे सुकमा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर, बैकुंठपुर, चिरमिरी, अंबागढ़-चौकी, पेंड्रा, सारंगढ़, धमतरी, मुंगेली, खैरागढ़, सक्ती और बसना में भी लाइब्रेरी स्थापित की जाएंगी। इन सभी जगहों पर 250 सीटों वाली लाइब्रेरी के लिए प्रत्येक स्थान पर 4 करोड़ 41 लाख 49 हजार रुपये का बजट तय किया गया है।
करियर निर्माण और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सहायक
सरकार का मानना है कि ये लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, उच्च शिक्षा के लिए गुणवत्ता युक्त पुस्तकों तक पहुंच और एकाग्र अध्ययन का वातावरण प्रदान करेंगी। उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभागीय संचालक को बजट मंजूरी संबंधी परिपत्र भी जारी कर दिया गया है।
इस पहल से न केवल राज्य में शैक्षिक वातावरण बेहतर होगा, बल्कि यह दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके करियर निर्माण में मील का पत्थर साबित हो सकती है। सरकार की यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समानता और समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।