रायपुर। प्रदेश की राजधानी रायपुर स्थित एसीआई, मेकाहारा (एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट) में लंबे समय से बंद पड़ी बायपास और ओपन हार्ट सर्जरी सेवाओं को लेकर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने रविवार को इस गंभीर विषय को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखते हुए सेवाएं तत्काल बहाल करने की मांग की। सांसद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के एकमात्र शासकीय हृदय रोग संस्थान में इलाज की सुविधा नहीं होने से गरीब मरीजों को ‘तारीख पर तारीख’ मिल रही है, जबकि कुछ मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार ध्यान आकर्षित कराने के बावजूद प्रशासनिक उपेक्षा के चलते संस्थान में सर्जरी सेवाएं अब तक शुरू नहीं हो सकीं, जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों की महंगी फीस का सामना करना पड़ रहा है।
सांसद ने पत्र में यह भी कहा कि पूर्व में स्वशासी परिषद की बैठक सहित कई मंचों पर इस विषय को उठाया जा चुका है, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर तत्काल निर्णय लिया जाए, जिससे गरीबों को जीवनरक्षक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। यह पहली बार नहीं है जब सांसद अग्रवाल ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हों। उन्होंने हाल ही में स्कूलों में भीषण गर्मी के चलते तत्काल ग्रीष्मकालीन अवकाश, रायपुर में अपराध और ट्रैफिक की बिगड़ती स्थिति, पुलिस भर्ती में तेजी, बर्खास्त बीएड शिक्षकों के समायोजन, एम्स रायपुर की सेवाओं में सुधार, जनऔषधि केंद्रों की स्थापना, और धर्मांतरण व गौ-हत्या पर कानून बनाने जैसे कई मुद्दों को लेकर पत्राचार किया है।
सांसद की मुखरता ने सत्ता और संगठन दोनों में हलचल मचा दी है। संगठन स्तर पर उनके मुद्दों को समर्थन मिलता नजर आ रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष में इसे सरकार की पोल खोलने के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का एक नया मुद्दा मिल गया है। बृजमोहन अग्रवाल की पहल के बाद कुछ अन्य सांसदों ने भी इसी राह पर चलते हुए जनहित के मुद्दों पर आवाज उठानी शुरू कर दी है। सांसद अग्रवाल के पत्र को लेकर जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके निज सहायक के माध्यम से संदेश भेजा गया, लेकिन मंत्री से संपर्क नहीं हो सका।