पांढुर्णा। परीक्षा में असफलता किस कदर मानसिक दबाव बन जाती है, मध्य प्रदेश के पांढुर्णा जिले के हिवरा सेनाडवार गांव में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 17 वर्षीय छात्रा ने बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना उस समय की है जब घर के सभी सदस्य एक नजदीकी विवाह समारोह में शामिल होने गए थे और छात्रा अकेली घर पर थी। लौटने पर परिजनों ने जब दरवाजा नहीं खुला तो अनहोनी की आशंका में खिड़की से झांककर देखा। अंदर का दृश्य देखकर सब सन्न रह गए— छात्रा फंदे से लटकी हुई थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। जांच अधिकारी शिवकरण पांडे ने बताया कि शुरुआती जांच और परिवार के बयान के मुताबिक छात्रा परीक्षा परिणाम से बेहद आहत थी। पिता भाऊराव पराड़कर ने बताया कि बेटी पढ़ाई में होशियार थी, लेकिन परिणाम ने उसकी उम्मीदें तोड़ दीं।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि परीक्षा में असफलता जीवन का अंत नहीं है। युवाओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाने और संवाद के लिए माहौल देने की ज़रूरत पहले से ज्यादा हैं