शहडोल। Shahdol MP News : जिले में ट्रैफिक व्यवस्था अब नियमों के लिए नहीं, वसूली के लिए जानी जा रही है। हर दिन टोल प्लाज़ा के पास लगने वाला चेकिंग पॉइंट अब एक खौफ बन चुका है — खासकर छोटे व्यापारियों, पिकअप चालकों और ऑटो वालों के लिए।
Shahdol MP News : चेकिंग के नाम पर वसूली का खेल
सूत्रों के अनुसार, चेकिंग की आड़ में वाहन चालकों से रोजाना “समरसता शुल्क” वसूला जा रहा है। विभागीय साहब एसी गाड़ी में बैठकर मातहतों से टारगेट पूरा करवा रहे हैं। रुटीन वही – गाड़ी रोको, दस्तावेजों में खामी ढूंढो और फिर चालान की धमकी के साथ ‘मोलभाव’।
डायरी सिस्टम: सब्सक्रिप्शन मॉडल की तरह काम
वाहन चालकों का दावा है कि पैसे देने पर सिर्फ एक फॉर्मल चालान बनता है, बाकी रकम एक “गुप्त डायरी” में दर्ज होती है। अगली बार उसी डायरी का हवाला देकर कहा जाता है – “तुम तो समरसता दे चुके हो” और जाने दिया जाता है।
छोटे वाहन निशाने पर, रसूखदार गाड़ियों को छूट
ये चेकिंग सिर्फ उन्हीं वाहनों के लिए है जिनका विरोध करने का दम नहीं — यानी पिकअप, ठेला, सब्जी-केले वाले वाहन। बसें, ट्रक, रसूखदार गाड़ियां या VIP वाहन इस “कार्यवाही” से अछूते रहते हैं।
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प्रशासन मौन, सवालों के घेरे में व्यवस्था
इस खुले खेल पर न कोई जांच हो रही, न कोई कार्रवाई। क्या ये सब बिना ऊपर तक जानकारी के संभव है? या फिर पूरी व्यवस्था एक मिलीभगत से चल रही है? शिकायतें होने के बावजूद अधिकारियों का मौन बहुत कुछ कहता है।
जनता के सवाल, जिनका जवाब अब तक नहीं मिला:
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ट्रैफिक चेकिंग वसूली अभियान बन चुकी है क्या?
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साहब की मौजूदगी में हो रही अवैध वसूली पर कौन जिम्मेदार?
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दस्तावेज सही होने पर चालान की धमकी क्यों?
शहडोल की सड़कों पर ट्रैफिक के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह एक छोटा मामला नहीं बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल है। जनता अब केवल जवाब नहीं, कार्रवाई चाहती है।